पंजाब में कोरोना संक्रमण से हो रही मौतों की संख्या में कोई गिरावट नहीं हो रही है। मंगलवार को भी 12 जिलों में 53 लोगों की मौत हो गई। संक्रमण के 2274 नए मामले सामने आए हैं। सक्रिय केसों की संख्या भी बढ़कर 19403 पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग ने भी जांच का दायरा बढ़ाकर लगभग 40 हजार कर दिया है।
सूबे के आठ जिलों में हालात ज्यादा खराब हो रहे हैं। यहां हर रोज 100 से अधिक लोग संक्रमित हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पंजाब में अब तक 5666257 लोगों के नमूने लिए जा चुके हैं, जिनमें 217663 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है।
सांस लेने में दिक्कत होने पर 268 लोगों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। 29 संक्रमितों की हालात गंभीर बनी हुई है, जिनको सूबे के विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर पर रखा गया है। 191825 संक्रमित ठीक होकर घर जा चुके हैं। अब तक पंजाब में 6435 लोगों की मौत हो चुकी है।
लुधियाना, जालंधर, पटियाला, एसएएस नगर, अमृतसर, गुरदासपुर, होशियारपुर, कपूरथला में हालात बेहद खराब हैं। यहां हर रोज 100 से अधिक संक्रमित आ रहे हैं। मंगलवार को अमृतसर में 3, गुरदासपुर में 2, होशियारपुर में 9, जालंधर में 14, लुधियाना में 4, मोगा में 3, एसएएस नगर में 3, पटियाला में 6, रोपड़ में 2, संगरूर में 1, एसबीएस नगर में 4, तरनतारन में 2 मरीजों की मौत हो गई।
पंजाब की ओर से कोरोना के भेजे गए 401 सैंपलों में से 81 प्रतिशत में ब्रिटेन का वायरस की किस्म पाई गई है। इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को लोगों से कोविड का टीका लगवाने की अपील की है।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना वायरस के रूप का पता लगाने के लिए 478 नमूने एनआईबी, आईजीआईबी और एनसीडीसी को भेजे गए थे। इनमें से 90 नमूनों के नतीजे आ गए हैं। इनमें से सिर्फ दो नमूनों में ही एन-440 की किस्म पाई गई। इसके बाद भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की एक टीम ने संक्रमण दर में वृद्धि की समीक्षा करने के लिए राज्य का दौरा किया। उसे इस बारे में जानकारी दी गई। फिर 1 जनवरी से 10 मार्च 2021 तक लिए गए 401 नमूने एनसीडीसी को भेजे गए। इसमें से 81 फीसदी यानी 326 में ब्रिटेन के वायरस बी- 1.1.7 की किस्म पाई गई। यह वायरस युवाओं को ज्यादा प्रभावित करता है।
ताजा स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र सरकार द्वारा आबादी के बड़े वर्ग को भी टीकाकरण मुहिम में जल्द से जल्द शामिल किया जाए। उन्होंने ध्यान दिलाया कि विशेषज्ञों द्वारा मौजूदा कोविशील्ड दवा को यूके के वायरस बी-1.1.7 के लिए भी बेहद कारगर पाया गया है, इसलिए इस वायरस को फैलाने से रोकने के लिए अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण जरूरी है।