पंजाब कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई। कैबिनेट ने फैसला किया कि राज्य विधानसभा का बजट सत्र 20 से 28 फरवरी तक होगा। विधानसभा में बजट 25 फरवरी को पेश किया जाएगा। इसके साथ ही बैठक में नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी गई। राज्य में इससे शराब महंगी हो जाएगी। इस नीति के तहत लाइसेंस फीसों में वृद्धि की गई है। साल 2020-21 की आबकारी नीति में तय तरीकों पर निर्धारित लाइसेंस फीस और अतिरिक्त निर्धारित लाइसेंस फीस जमा करवानी होगी।
पंजाब विधानसभा का बजट सत्र 20 से 28 फरवरी तक चलेगा
इस तरह विधानसभा बजट सत्र छह दिन का होगा। बजट सत्र 20 फरवरी को सुबह 11 बजे शुरू होगा। इस दौरान दिवंगत हस्तियों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके बाद दोपहर 12 बजे पंजाबी भाषा से संबंधित बिल पेश किया जाएगा। 21 को महाशिवरात्रि और 22-23 को शनिवार और रविवार होने के कारण अवकाश रहेगा। इसके बाद 24 फरवरी को सुबह 11 बजे राज्यपाल के भाषण पर धन्यवाद और बहस का प्रस्ताव पेश किया जाएगा। दोपहर 2 बजे भाषण पर बहस फिर से शुरू होगी जो समाप्त होने तक जारी रहेगी।
वर्ष 2018-19 के लिए भारत के कैग की रिपोर्ट (सिविल, व्यापारिक) और वर्ष 2018-19 के लिए पंजाब सरकार के वित्तीय लेखे और वर्ष 2018-19 के लिए विनियोजन लेखे 25 फरवरी को सुबह 10 बजे सदन में रखे जाएंगे। इसी दिन वर्ष 2019-20 के लिए ग्रांटों के लिए अनुपूरक मांगों, वर्ष 2019-20 के लिए ग्रांटों के लिए विनियोजन बिल और वर्ष 2020-21 के लिए बजट अनुमान पेश किए जाएंगे। 26 फरवरी को सुबह 10 बजे वर्ष 2020-21 के लिए बजट अनुमानों पर आम बहस शुरू होगी।
27 फरवरी को सुबह 10 बजे गैर-सरकारी कामकाज होगा, जबकि 28 फरवरी को वर्ष 2020-21 के लिए बजट अनुमानों के संबंध में ग्रांटों के लिए मांगों पर बहस और वोटिंग, वर्ष 2020-21 के लिए बजट अनुमानों के संबंध में विनियोजन बिल और वैधानिक कामकाज होगा और इसी दिन सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया जाएगा।
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शराब 10 रुपये तक महंगी, ऑनलाइन बिक्री की तैयारी
कैबिनेट ने राज्य की नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी। इसके तहत पंजाब में शराब और महंगी होने जा रही है। शराब के दाम प्रति बोतल पांच से 10 रुपये बढ़ेंगे। पंजाब सरकार शराब की ऑनलाइन बिक्री की संभावना भी तलाश रही है। इसे प्रयोग के रूप में मोहाली में शुरू करने का विचार है, लेकिन ऐसा तब होगा जब सभी लाइसेंसधारक ऑनलाइन बिक्री पर सहमत होंगे। अन्यथा यह प्रयोग नहीं होगा।
ऐसे मौजूदा लाइसेंसधारकों को साल 2020-21 के लिए नवीकरण की इजाजत दी जाएगी, जो कम-से-कम गारंटीशुदा राजस्व (एमजीआर) से 12 फीसद और ज्यादा आय हासिल करते हैं। साल 2019-20 में 5676 करोड़ के मुकाबले 6250 करोड़ राजस्व का लक्ष्य रखा गया है। चालू वित्त वर्ष में एक्साइज से 5676 करोड़ राजस्व पहुंचने का अनुमान है, जो पिछले साल 5150 करोड़ रुपये था। नया लक्ष्य पिछले साल के मुकाबले 526 करोड़ ज्यादा है।
नहीं बढ़ेगी ग्रुपों की संख्या
नई नीति में ग्रुपों की संख्या पिछले साल वाली 756 ही रखी गई है। साल 2020-21 के दौरान परचून विक्रेताओं से एमजीआर का अनुमान लगभग 4850 करोड़ रुपये लगाया, जो साल 2019-20 के दौरान 4529.40 करोड़ रुपये था। साल 2020-21 के दौरान हर ग्रुप/जोन के एमजीआर को 2019-20 के मुकाबले आठ फीसद बढ़ाया गया है।
इसके अतिरिक्त नई आबकारी नीति पर भी चर्चा हुई। नई आबकारी नीति के तहत साल 2020-21 की आबकारी नीति में तय तरीकों पर निर्धारित लाइसेंस फीस और अतिरिक्त निर्धारित लाइसेंस फीस जमा करवानी होगी जो मिसाल के तौर पर 28 फरवरी, 2020 तक 10 लाख रुपये और बाकी रकम 23 मार्च, 2020 तक देनी होगी। नई नीति के अंतर्गत 2019-20 के दौरान 600 करोड़ रुपये की तय लाइसेंस फीस बढ़ाकर 625 करोड़ रुपए की गई है। जबकि 2019-20 के दौरान 120 करोड़ रुपये की अतिरिक्त तय लाइसेंस फीस को भी बढ़ाकर 385 करोड़ रुपये किया जाना है।
परचून में आबकारी ड्यूटी में वृद्धि की जाएगी जो पीएमएल के लिए 5 रुपये, आईएमएफएल के लिए चार रुपये और बीयर के लिए दो रुपये है। थोक पड़ाव पर पीएमएल पर आबकारी ड्यूटी की दरों में कोई वृद्धि नहीं हुई है। आईएमएफएल के मामलों में लगभग पांच प्रतिशत की वृद्धि है और बीयर के मामलों में स्ट्रांग बीयर के लिए 62 रुपये प्रति बोतल से बढ़ाकर 68 रुपये की गई है।
नई नीति के अनुसार पीएमएल के निर्धारित कोटे की एक्स-डिस्टिलरी कीमत (ईडीपी) को प्रति केस 271.11 रुपये निर्धारित किया गया है। अब परचून लाइसेंसधारक को उसके पीएमएमएल, आईएमएफएल और बीयर के कोटे में 15 प्रतिशत तक के लेन-देन की इजाज़त होगी। इम्पोटिड (बी.आई.ओ.) शराब पर अदा किए गए वैट को अगले साल लाइसेंसों के नविकरणीय के लिए अतिरिक्त निर्धारित लाइसेंस फीस और अतिरिक्त 12 प्रतिशत राजस्व की ज़रूरत में एडजस्ट किया जायेगा। एल-2 बी लाइसेंस सिर्फ उसके क्षेत्र में परचून लाइसेंसधारकों को बीआईओ ब्रांडों की बिक्री के लिए जनरल स्टोरों के साथ हिस्सेदारी में जारी किया जाना है। जिसका जीएसटी टैक्सयोग्य टर्नओवर पिछले साल के दौरान एक करोड़ रुपये है।
परचून विक्रेताओं की संख्या पिछले साल की तरह 5835 ही बरकरार रखी गई है। आईएमएफएल पर बौटलिंग फीस एक रुपये प्रति थोक लीटर से बढ़ाकर एक रुपए प्रति बीएल कर दी गई है। लाइसेंसधारक साल 2019-20 का ना बिका हुआ कोटा अगले साल 2020-21 के लिए मामूली ट्रांसफर फीस पर लिया जा सकता है। जिसके अंतर्गत पीएमएल के लिए प्रति पीएल ट्रांसफर फीस 25 रुपये, आईएमएफएल के लिए प्रति पीएल 40 रुपये, विदेशी शराब के लिए 45 रुपये प्रति पीएल और इपोटिड फीस के लिए 12 रुपये प्रति बीएल और बीयर के लिए 10 रुपये प्रति बीएल फीस शामिल है।
नई नीति के अंतर्गत मैरिज पैलेसों के शराब की अनाधिकृत उपभोग के लिए पैलेस वाले ही जिम्मेदार होंगे। पहले जुर्म पर 25,000 रुपये, दूसरे पर 50,000 रुपये और तीसरे जुर्म पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। विशेष लाइसेंस फीस के रूप में 2019-20 के उपबंधों के अनुसार गाय सैस वसूला जाना है। शराब बारों के लिए जाने वाली तिमाही मूल्यांकन फीस में मामूली वृद्धि की गई है।