पंजाब के बांध कितने सुरक्षित हैं इसे लेकर राज्य सरकार स्टडी करवा रही है। रणजीत सागर समेत 14 बांधों की सुरक्षा मूल्यांकन का काम शुरू हो गया है। इसे लेकर स्वतंत्र विशेषज्ञ पैनल तैयार किया गया है जो रिपोर्ट तैयार कर रहा है। इस रिपोर्ट के आधार पर बांधों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे।
प्रदेश में इस बार बाढ़ ने भारी तबाही मचाई थी। माधोपुर हेडवर्क्स के गेट टूट गए थे जिसे लेकर विपक्ष ने काफी सवाल उठाए थे। यही कारण है कि अब सरकार ने सभी बांधों की सुरक्षा मूल्यांकन करने का फैसला लिया है। सरकार ने रणजीत सागर बांध के लिए विशेषज्ञ पैनल में एके बजाज को चेयरमैन डैम सेफ्टी व हाइड्रो मैकेनिकल एक्सपर्ट नियुक्त किया है। प्रदीप कुमार गुप्ता सदस्य भूविज्ञानी, डॉ. राजबाल सिंह उपकरण और भूकंप विशेषज्ञ, हाइड्रोलॉजिस्ट राजीव और मेंबर मैकेनिकल एक्सपर्ट वियास देव को शामिल किया गया है। इसी तरह 13 बाकी बांधों के लिए भी विशेषज्ञ पैनल तैयार किया गया है जिसमें चोहाल बांध, मैली बांध, पतिअरी बांध, सलेरन बांध, नारा बांध, सिसवां बांध, मिर्जापुर बांध, पड़छ बांध, जैंती बांध, जनौरी बांध, थाना बांध, ढोलबहा बांध और दमसल बांध शामिल हैं।
पैनल आगे किसी भी विशेषज्ञ की ले सकता मदद
पैनल को स्टडी के दौरान आगे किसी भी विशेषज्ञ की सेवाएं लेने का अधिकार दिया गया है जिसकी सलाह सुरक्षा मूल्यांकन के लिए आवश्यक हो। वह पैनल के अन्य सदस्यों की तरह परिश्रमिक और यात्रा भत्ते प्राप्त करने के लिए योग्य होगा। पैनल बांध के डिजाइन, निर्माण, संचालन, रखरखाव और प्रदर्शन पर उपलब्ध आंकड़ों की समीक्षा और विश्लेषण करेगा। साथ ही भूंकप और बाढ़ को लेकर भी बांध की सुरक्षा को चेक किया जाएगा। बांध की हालत कैसी है और आगे बाढ़ से सुरक्षा के लिए क्या इंतजाम किए जा सकते हैं इन सभी बातों को रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा। साथ ही अगर आगे विस्तृत स्टडी की जरूरत है उसकी भी पैनल की तरफ से सिफारिश की जा सकती है।
नदियों से निकाली जाएगी 187 करोड़ क्यूबेक फीट गाद
विभाग ने नदियों से 187 करोड़ क्यूबेक फीट गाद निकालने की भी हरी झंडी दी है जिसके लिए 87 साइट्स को चिह्नित किया गया है जहां जल्द ही काम शुरू किया जाएगा। इसके लिए एजेंसी हायर करने की भी मंजूरी दे दी गई है। विभाग ने सतलुज, घग्गर, रावी और ब्यास, सरसा नदी समेत अन्य नदियों में गाद निकालने की प्रक्रिया पूरी करनी है।
हेडवर्क्स में मचाई थी तबाही
पठानकोट के माधोपुर हेडवर्क्स में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई थी। हेडवर्क्स के गेट टूट गए थे जिसे लेकर विपक्ष ने सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया था कि समय पर हेडवर्क्स के गेट नहीं खोले गए। हालांकि इस मामले में सिंचाई विभाग ने कड़ी कार्रवाई की थी। विभाग ने एक एक्सईएन, एसडीओ और जेई को निलंबित कर दिया था। सरकार के अनुसार बाढ़ से 13 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है जिसकी रिपोर्ट भी केंद्र को सौंपी गई थी जबकि पीएम मोदी ने पंजाब दौरे के दौरान राहत कार्यों के लिए 1600 करोड़ देने का एलान किया था।
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