पीएम बोले, ‘युवाओं के साथ किसी भी तरह का संवाद हो, उनसे हमेशा कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। इसलिए मैं यथासंभव प्रयास करता हूं कि युवाओं से ज्यादा से ज्यादा मिलूं, उनसे बात करूं, उनके अनुभव सुनूं। उनकी आशाएं, उनकी आकांक्षाएं जानकर, उनके मुताबिक कार्य कर सकूं, इसका मैं निरंतर प्रयत्न करता हूं।’
-पीएम ने आगे कहा, ‘तुमकूरू का ये स्टेडियम इस समय हजारों विवेकानंद, हजारों भगिनी निवेदिता की ऊर्जा से दमक रहा है। हर तरफ केसरिया रंग इस ऊर्जा को और बढ़ा रहा है।’ भगवान वसवेश्वर और स्वामी विवेकानंद जी के आशीर्वाद से श्री शिवकुमार स्वामी जी राष्ट्र निर्माण के यज्ञ में जुटे हुए हैं। मैं उनके बेहतर स्वास्थ्य और उनकी दीर्घायु की प्रार्थना करता हूं।
-पहली बार ऐसा हुआ जब देश के अन्य राज्यों के लोग भी ये देखने के लिए सुबह से टीवी खोलकर बैठ गए कि मेरे उत्तर-पूर्व के भाइयों-बहनों ने क्या जनादेश दिया है। ये एक बहुत बड़ा बदलाव है।
-पिछले 4 वर्षों में हमारी सरकार की नीतियों-निर्णयों ने इस भावना को खत्म करने का काम किया है। हमने नॉर्थ ईस्ट के भावनात्मक एकीकरण का संकल्प लिया और उसे सिद्ध करके दिखाया है।
-आज युवाओं के बीच, मैं सभी से प्रश्न करना चाहता हूं कि ये एक संकल्प क्या होना चाहिए? ये सवाल मैं इसलिए भी आपसे पूछ रहा हूं, क्योंकि जीवन में मैंने भी स्वयं से एक बार ये प्रश्न किया था। इस प्रश्न का हम जितना जल्दी सामना कर लें, जीवन में आगे का रास्ता उतना ही स्पष्ट हो जाता है।
-2014 में सरकार बनने के बाद इसलिए हमारी सरकार ने युवा शक्ति को ध्यान में रखते हुए, इस ऊर्जा का राष्ट्र निर्माण में इस्तेमाल करने के लिए अनेक फैसले लिए और ये प्रकिया निरंतर जारी है।
नॉर्थ ईस्ट चुनावों पर बोले पीएम
पीएम ने नॉर्थ ईस्ट के चुनावों में जीत के लिए युवाओं को जिम्मेदार तो बताया ही साथ ही कहा, ‘आपने देखा कि परसों, पूरा देश होली के रंग में रंगा हुआ था। कल नॉर्थ ईस्ट के नतीजों ने फिर एक बार पूरे देश में उत्सव का वातावरण बना दिया। मैं इसे एक पार्टी की जीत, एक पार्टी की हार के तौर पर नहीं देखता हूं। महत्वपूर्ण ये है कि नॉर्थ ईस्ट के लोगों की खुशी में पूरा देश शामिल हुआ।’
यूथ फेस्टिवल के लिए पीएम ने कहा, ‘एक नया मॉडल विकसित हो रहा है। मुझे आशा है कि ये आयोजन देशभर में दूसरों को प्रेरणा देगा। भविष्य की तैयारियों के लिए हमारी ऐतिहासिक परंपराओं और वर्तमान युवा शक्ति का ये समागम अद्भुत है।’