नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है, जो कि साहस और शक्ति का प्रतीक हैं। माता कूष्मांडा को समर्पित इस दिन पर विशेष पूजन किया जाता है। देवी मां का श्रृंगार कर उनका प्रिय व्यंजन भोग में अर्पित करते हैं। जो भी भक्त चतुर्थ नवरात्रि पर देवी का पूजन हवन कर रहे हैं, वह मां दुर्गा से चौथे स्वरूप माता कूष्मांडा के लिए उनका प्रिय भोग आज के दिन जरूर बनाएं।
मान्यता है कि मां कूष्मांडा को मालपुआ अतिप्रिय है। आप घर पर ही आसानी से देवी मां के लिए शुद्ध और स्वादिष्ट मालपुआ तैयार कर सकती हैं। मालपुआ बनाने के लिए ना तो आपको अधिक सामग्री की आवश्यकता है और ना ही अधिक समय व मेहनत की। यहां नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा का प्रिय भोग मालपुआ बनाने की सरल विधि बताई जा रही है।
मालपुआ बनाने का सामग्री
एक कप गेहूं का आटा
सूजी आटा एक कप
मावा तीन चम्मच
दूध एक कप
चीनी एक कप
देसी घी तलने के लिए
काजू एक चम्मच
पिस्ता एक चम्मच
सौंफ पाउडर आधा चम्मच
केसर एक चुटकी
इलायची पाउडर एक चम्मच
मालपुआ बनाने की विधि
सबसे पहले एक कटोरी गेहूं के आटे को छानकर उसमें एक कटोरी सूजी मिलाएं।
जब आटा और सूजी आपस में अच्छे से मिक्स हो जाएं तो चीनी, इलायची और सौंफ पाउडर डालकर मिला लें।
अब खोए या मावे को एक कटोरी में निकालकर दूध डालकर घोल तैयार कर लें।
इस घोल में आटे और सूजी वाला मिश्रण मिलाएं। ध्यान रखें कि घोल अधिक गाढ़ा न हो और ना ही अधिक पतला रहे।
कुछ देर के लिए घोल को ढककर रख दें और तब तक चाशनी बनाने की तैयारी कर लें।
चाशनी बनाने के लिए पानी और चीनी को गैस पर पकाएं। स्वाद बढ़ाने के लिए इलायची पाउडर मिक्स कर सकते हैं।
अब मालपुआ तैयार करने के लिए एक पैन में घी गर्म करके आटे के घोल को पैन में क्षमता अनुसार डालें।
एक तरफ से सुनहरा होने के बाद पलटकर दूसरी ओर से सेकें।
जब मालपुआ दोनों ओर से सुनहरा सिक जाए तो पैन से चाशनी में डालें।
अधिक देर चाशनी में न रखें, मालपुआ निकालकर उसपर कटे हुए पिस्ता के टुकड़े डालकर गार्निश कर लें।
मालपुआ ठंडा होने के बाद इसका भोग लगाएं।
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