अंबाला सिटी। किसान नेता नवदीप जलबेड़ा की मुश्किलें कम ही नहीं हो रही हैं। वीरवार को उन्हें सदर थाना के पुलिस अधिकारियों ने मेडिकल कराने के बाद कोर्ट में पेश किया जहां कोर्ट में पुलिस ने नवदीप की रिमांड मांगी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने पुलिस को नवदीप का एक दिन का रिमांड मंजूर कर दिया। यह रिमांड मुकदमा नंबर 43 में मांगा गया था। जिसमें नवदीप के माध्यम से किसान नेता तेजबीर व अन्य किसान नेता की गिरफ्तारी को निशानदेही कराना कारण दिया गया। जिसके लिए पंजाब में किसान नेताओं की गिरफ्तारी के लिए नवदीप को ले जाया जाएगा।
दरअसल 11 जून को नवदीप के वकील रोहित जैन की तरफ से अदालत में नवदीप की जमानत के लिए याचिका लगाई गई थी। इसके अगले ही दिन 12 जून को पुलिस की तरफ से लोकल मजिस्ट्रेट काे एक एप्लीकेशन दी गई जिसमें नवदीप का दो दिन का रिमांड मांगा गया। यह रिमांड एफआईआर नंबर 43 को आधार बनाकर मांगा गया। इसकी सुनवाई वीरवार को एडीजे कोर्ट में हुई। अधिवक्ता रोहित जैन ने बताया कि कोर्ट में पुलिस ने तर्क दिया कि वह 43 नंबर मुकदमे में अन्य किसान नेताओं की गिरफ्तारी करना चाहते हैं। इनकी गिरफ्तारी तभी हो सकती है जब नवदीप निशानदेही करेगा। इसके लिए उसका रिमांड चाहिए क्योंकि उसे पंजाब निशानदेही के लिए ले जाना है। इस पर कोर्ट ने एक दिन का रिमांड दे दिया। अधिवक्ता रोहित जैन ने बताया कि पुलिस ने 16 मुकदमे इस मामले में दर्ज किए हैं। जिसमें से सभी में नवदीप का नाम है। जमानत याचिका से पहले रिमांड लेने के पीछे तो पुलिस को एक ही उद्देश्य नजर आता है कि वह नवदीप को बाहर नहीं आने देना चाहते हैं।
18 से अधिक किसान नेताओं पर दर्ज है केस
थाना अंबाला सदर में दर्ज मुकदमा संख्या 43 में नवदीप को मुख्य आरोपी बनाया गया है। इसमें सिपाही रजत की तरफ से दी गई शिकायत में बताया गया है कि 15 फरवरी को वह व पुलिस विभाग के अन्य अधिकारी शंभू बॉर्डर पर तैनात थे। यहां पर 13 व 14 फरवरी को भारी मात्रा में किसान ट्रैक्टरों के साथ आए। पहले तो पुलिस अधिकारियों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया कि धारा 144 लागू है पांच से अधिक लोग एकत्रित नहीं हो सकते हैं। समझाने के बाद भी आंदोलनकारी नहीं माने तो बेरिकेड को तोड़ने का प्रयास किया। नंगी तलवारों, गुलेल, पत्थर, मिर्ची पाउडर, गुलेलों में नुकीले कांच से उन्हें जान से मारने की नियत से हमला कर दिया। जिसमें पुलिस कर्मी व अधिकारी घायल हुए। इस आंदोलन में किसान नेता सरवन सिंह पंधेर, अमरजीत मोहड़ी, जय सिंह जलबेड़ा, नवदीप जलबेड़ा, सुखचैन बड़ौग, गुरकीरत शाहपुर, बलजिंद्र सिंह चुडियाला, विक्रम रााणा, मंजीत सिंह, तेजबीर सिंह, गुरमीत सिंह माजरी, बलकार सिंह, मनजीत सिंह, गुरजीत सिंह धमौली, अरविंद्र मोहड़ा, कुलदीप मोहड़ी, कर्म सिंह, जसप्रीत सिंह व अन्य किसान नेताओं ने जानलेवा हमला किया व सरकारी कार्य में बाधा डाली।