चुनाव आयोग जल्द ही इसके लिए कानून में बदलाव करने का प्रस्ताव सरकार को भेजने जा रही है। इसके साथ ही प्रस्ताव के संसद द्वारा पास हो जाने के बाद लोगों को अपने वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक कराना जरूरी हो जाएगा। देश में लागू होते नए नए नियमों से आम आदमी परेशान हो गया है। जानकारी के अनुसार बता दें कि अब आपको अपने वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक कराना होगा। यह वैसे ही होगा जैसे पैन कार्ड को आधार से लिंक कराना जरूरी है।

बता दें कि अभी तक चुनाव आयोग 38 करोड़ लोगों के वोटर आईडी कार्ड को आधार नंबर से लिंक कर चुका है। हालांकि 2015 में शुरू हुई इस कवायद पर चुनाव आयोग को कोर्ट के फैसले के बाद रोक लगानी पड़ी थी। देश भर में कुल 75 करोड़ लोगों के वोटर आईडी कार्ड बने हुए हैं। वहीं बता दें कि चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट के 26 सितंबर को दिए गए फैसले के बाद अब आयोग एक बार फिर से कानूनी सलाह लेने जा रहा है।
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इसके साथ ही बता दें कि आधार नंबर जारी करने वाली संस्था यूनिक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया से चुनाव आयोग ने राय मांगी थी, जिसके बाद यूआईडीएआई ने उसे ऐसा करने के लिए कहा था। आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में 2017 में अर्जी दी थी, कि वो वोटर आईडी को आधार से लिंक करना चाहती है। यहां बता दें कि आधार से वोटर आईडी कार्ड के लिंक होने से फर्जी वोटरों पर लगाम लगेगी। देश भर में विभिन्न राजनीतिक पार्टियां ने भी अगस्त में हुई बैठक में आधार से वोटर आईडी कार्ड को लिंक करने पर सहमति जताई थी।
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