नई दिल्ली। भारत के प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति को किसी गैर के धर्म से मतलब नहीं होना चाहिए| ईश्वर और मनुष्य के बीच का रिश्ता बेहद निजी होता है| किसी भी तरह इसमें हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है|
टी एस ठाकुर का बयान
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रोहिंटन एफ नरीमन द्वारा पारसी धर्म पर लखी गई पुस्तक के विमोचन के मौके पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि धार्मिक युद्धों के कारण दुनिया को अब तक बहुत नुक्सान हुआ है| राजनीतिक विचारधाराओं से कहीं ज्यादा लोग धार्मिक युद्धों मे मरे गये हैं|
उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में धर्म के नाम पर कलह है| एक धर्म वाले दूसरे धर्म को काफिर मानते हैं वहीं दूसरे दूसरे को नास्तिक| धर्म के नाम पर हो रही इस तबाही को रोकने के लिए लोगों को सामने आना होगा|