अजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने के आरोपी पूर्व सांसद धनंजय सिंह दहशत में हैं। उनको अपनी हत्या की आशंका सता रही है। पूर्व सांसद की तरफ से वकील ने सीजेएम सुशील कुमारी की कोर्ट में अर्जी दी है जिसमें हत्या की आशंका जाहिर की है। वहीं कोविड-19 का हवाला भी दिया। मांग की है कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ही न्यायिक अभिरक्षा में लखनऊ की कमिश्नरेट पुलिस ले। कोर्ट ने इस अर्जी की प्रति अभियोजन को देने के साथ ही पत्रावली में शामिल किए जाने का आदेश दे दिया है।
कोर्ट में धनंजय सिंह की तरफ से वकील प्रांशु अग्रवाल ने अर्जी देकर कहा कि धनंजय सिंह विधायक और सांसद रह चुके हैं। विभूतिखंड में 6 जनवरी को हुए गोहना के पूर्व उप ज्येष्ठ प्रमुख अजीत सिंह की हत्या में पुलिस द्वारा उन्हें फर्जी फंसाया जा रहा है।
उन्होंने कोविड की बीमारी और हत्या की आशंका जताते हुए कहा कि पूर्व में विवेचक द्वारा अभियुक्त कन्हैया विश्वकर्मा उर्फ गिरधारी को दिल्ली की जेल से बी वारंट पर लाया गया। कोर्ट में पेश किया गया था। इसके बाद कोर्ट से 12 फरवरी को पुलिस कस्टडी रिमांड हासिल की गई। 13 फरवरी से शुरू हुए रिमांड के दूसरे दिन 14 फरवरी को पुलिस कस्टडी के दौरान ही उसकी मुठभेड़ दिखाकर हत्या कर दी गई।
पूर्व सांसद व अजीत हत्याकांड के साजिशकर्ता धनंजय सिंह के वकील ने अर्जी में बी वारंट जारी न करने की मांग की है। कहा कि आरोपी की न्यायिक रिमांड वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ली जाए जिससे उसका जीवन सुरक्षित रह सके। इस अर्जी में धनंजय सिंह ने अपनी हत्या किए जाने की पूरी आशंका जाहिर की है।
कहा कि यदि अदालत ने उनके प्रार्थना पत्र पर कोई उचित आदेश पारित नहीं किया तो उसे जीवन की हानि उठानी पड़ सकती है। पूर्व सांसद ने पांच मार्च को प्रयागराज की कोर्ट में हाजिर होकर पुराने मामले में जमानत कटवाई और जेल चले गए थे।
वहीं कमिश्नरेट पुलिस ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह और लखनऊ कोर्ट में समर्पण करने वाले शूटर शिवेंद्र सिंह उर्फ अंकुर को रिमांड पर लेने के लिए तैयारी शुरू कर दी है।