उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर अपनी मनमानी कर रहे हैं। देहरादून के दून अस्पताल और कोरोनेशन हॉस्पिटल में डॉक्टर ओपीडी पर्चे पर बिना अपना नाम और मुहर के मरीजों को दवा लिख रहे हैं। जिस पर उन्हें नोटिस जारी कर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। दून और कोरोनेशन अस्पताल के डॉक्टरों को ओपीडी पर्चे पर नाम न लिखने और मुहर न लगाने समेत जन औषधि केंद्र से दवा नहीं लिखने पर चेतावनी दी गई है। दून अस्पताल में करीब 250 और कोरोनेशन जिला अस्पताल में करीब 55 डॉक्टर तैनात हैं।
दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि उन्होंने कई बार ओपीडी में निरीक्षण किया, जिसमें पाया कि ओपीडी में देखने वाले डॉक्टर मरीजों के पर्चे पर अपना नाम, मुहर और हस्ताक्षर का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। जिससे यह पता नहीं चल पाता कि मरीज को किस डॉक्टर ने देखा है। कई ओपीडी में जेआर और एसआर ही बैठे रहते हैं। यह नेशनल मेडिकल कौंसिल के नियमों का भी उल्लंघन है। ओपीडी और लैब के डॉक्टरों को सख्त हिदायत दी गई है कि वह अपने नाम एवं मुहर का प्रयोग करें। आदेश न मानने वाले डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और वार्षिक गोपनीय प्रवृष्टि के दौरान इस लापरवाही पर संज्ञान लिया जाएगा। सभी एचओडी, प्रभारी सेंट्रल लैब को आदेश का कड़ाई से पालन कराने को कहा है।
कोरोनेशन हॉस्पिटल में जनऔषधि नहीं लिख रहे डॉक्टर
कोरोनेशन अस्पताल की पीएमएस डा. शिखा जंगपांगी की ओर से सभी डॉक्टरों के नाम एक नोटिस निकाला गया है। कहा गया है कि डॉक्टरों की ओर से जन औषधि केंद्र से दवाएं नहीं लिखी जा रही है। इस कारण मरीजों को महंगी दवाई खरीदनी पड़ रही है। इस मामले में सरकार एवं शासन स्तर से भी नाराजगी जताई गई है।