कोरोना का कहर पीठासीन सभापति भर्तृहरि महताब ने बताया कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के निर्देशानुसार और सदन के सदस्यों के सहयोग से 17वीं लोकसभा के अन्य सत्रों की भांति बजट सत्र में भी रिकॉर्ड कार्य हुआ। इस सत्र के दौरान सभा की उत्पादकता 114 फीसदी रही। उधर, राज्यसभा भी अनिश्चिकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
बता दें कि बजट सत्र की शुरुआत 29 जनवरी को हुई थी। मूल कार्यक्रम के अनुसार इसे आठ अप्रैल तक चलना था, लेकिन कोरोना के कहर के चलते लोकसभा अध्यक्ष से सत्र को समय से पूर्व स्थगित करने की अपील की थी
महताब ने बताया कि इस बजट सत्र में विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करने के लिए सभा 48 घंटे और 23 मिनट देर तक बैठी। उन्होंने बताया कि सत्र के प्रथम चरण में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर 16 घंटे 58 मिनट तक चर्चा हुई और इसमें 149 सदस्यों ने भाग लिया।
प्रधानमंत्री द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के उत्तर के बाद सभा ने प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकृत किया। एक फरवरी 2021 को पेश किए गए केंद्रीय बजट पर 14 घंटे और 42 मिनट तक चर्चा हुई, जिसमें कुल 146 सदस्यों ने भाग लिया। वर्ष 2021-22 के लिए रेल मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय तथा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुदानों की मांगों पर सदन में चर्चा की गई। इस चर्चा में कुल 21 घंटे और 43 मिनट का समय लगा।
वर्ष 2021-22 के लिए केंद्रीय बजट के संबंध में शेष सभी मंत्रालयों की बकाया अनुदानों की मांगों को 17 मार्च, 2021 को सभा की स्वीकृति के लिए एक साथ रखा गया और उन्हें स्वीकृत करने के बाद संबंधित विनियोग विधेयक को पारित किया गया। इस सत्र में 17 सरकारी विधेयक पेश किए गए और कुछ विधेयक पारित हुए।
इनमें वित्त विधेयक, 2021, खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2021, संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश संशोधन विधेयक, 2021, बीमा (संशोधन) विधेयक, 2021, दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक, 2021 और नौचालन के लिए सामुद्रिक सहायता विधेयक, 2021 प्रमुख हैं।
बता दें कि राज्यसभा की कार्यवाही बृहस्पतिवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। राष्ट्रीय अवसंरचना और विकास वित्त-पोषण बैंक विधेयक, 2021 पारित होने और सेवानिवृत्त हो रहे तीन सदस्यों को विदाई देने के बाद सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने की घोषणा की।
इससे पहले, बजट सत्र के दौरान राज्यसभा में हुए कामकाज का लेखाजोखा प्रस्तुत करते हुए नायडू ने कहा कि सत्र में सदन की उत्पादकता 90 प्रतिशत रही जबकि व्यवधान के चलते सदन के लगभग 21 घंटे बर्बाद हुए। उन्होंने बताया कि सत्र के पहले चरण में उत्पादकता 99.6 फीसदी रही जबकि दूसरे चरण में यह 85 फीसदी रही। उन्होंने बताया कि इस दौरान कुल 19 विधेयक पारित हुए।