देश की सबसे बड़ी ऑटोमेशन और रोबोटिक्स कंपनियों में से एक एडवर्ब ने बोट वैली नाम से नोएडा में नए प्लांट की शुरुआत की है। Addverb के नई फैक्ट्री का उद्घाटन नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने किया। एडवर्ब की इस फैक्ट्री को लेकर दावा है कि यह देश की सबसे बड़ी रोबोट फैक्ट्री है। बोट-वैली को लेकर कंपनी ने भारत में रोबोटिक्स इंडस्ट्री के लिए एक सेल्फ-सस्टेनिंग इकोसिस्टम तैयार करने की योजना बनाई है जो नए उत्पादों और प्रौद्योगिकी सॉल्यूशन का दुनियाभर में निर्यात कर सके।
Addverb की बोट वैली करीब 2.5 एकड़ में फैली है। इस फैक्ट्री को लेकर कंपनी का दावा है कि इसमें हर साल 50,000 से ज्यादा रोबोट का निर्माण हो सकता है। इस फैक्ट्री में करीब 450 लोगों को रोजगार मिलेगा। कंपनी ने अपने एक बयान में कहा है कि इसमें महिला और पुरुषों को समान अवसर दिया जाएगा। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा।
Addverb की स्थापना 2016 में हुई थी और महज चार सालों में कंपनी की पहुंच भारत के अलावा यूरोप, दक्षिण-पूर्व एशिया और आस्ट्रेलिया तक हो गई है। सिंगापुर, आस्ट्रेलिया और नीदरलैंड में कंपनी ने 100 फीसदी स्वामित्व वाली सहायक इकाईयां स्थापित की हैं।
नई प्लांट के उद्घाटन पर मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, ‘पिछले दशक में कई बड़े बदलाव देखे गए और नई टेक्नोलॉजी सामने आईं। हमने आरंभिक बदलाव (इंडस्ट्री 4.0) में प्रवेश किया है, जिसमें एडवर्ब टेक्नोलॉजी बढ़ती जरूरतों और मौजूदा व्यावसायिक मांग को पूरा करने में मदद करेगी। रोबोटिक्स में सभी उद्योगों की प्रक्रियाओं को आसान बनाने की व्यापक क्षमता है, जिनमें रिटेल से लेकर हेल्थकेयर और वेयरहाउसिंग से लेकर सप्लाई चेन मुख्य रूप से शामिल हैं।’
इस खास मौके पर Addverb के संस्थापक और सीईओ संगीत कुमार ने कहा, ‘यह नया संयंत्र ग्लोबल स्तर पर भारत की ताकत को पेश करेगा और देश के संपूर्ण रोबोटिक्स तंत्र को मजबूत बनाएगा। स्वचालन की बढ़ती मांग के बाद भी, भारत में ग्लोबल औसत के मुकाबले खासकर छोटे और मझोले उद्यमों में रोबोटिक्स की पैठ कमजोर बनी हुई है। इस विश्वस्तरीय संयंत्र की स्थापना के साथ हम भारत को दुनिया के आरएंडडी केंद्र के तौर पर पेश करने और भारतीय निर्माताओं को बदलती प्रौद्योगिकियों को अपनाने और स्थानीय तथा वैश्विक बाजारों के लिए श्रेष्ठ निर्माता बनने की दिशा में नए कौशल साझा करने तथा उन्हें प्रोत्साहित करने में सक्षम होंगे।’