बेघर लोगों के संबंध में हंगरी के विक्टर ओर्बन सरकार द्वारा लाया गया कानून लागू होने के साथ ही सोमवार से देश में सड़कों परसोना प्रतिबंधित हो गया है. सरकार के इस कानून को आलोचकों ने ‘क्रूर’ बताया है.
हंगरी की संसद ने 20 जून को संविधान में संशोधन कर ‘सार्वजनिक स्थल पर हमेशा निवास’ करने को प्रतिबंधित कर दिया. इससे पहले देश ने 2013 में एक कानून बनाकर सार्वजनिक स्थल पर लगातार रहने के लिए जुर्माने का प्रावधान किया था.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, सरकारी कर्मचारियों ने बताया कि अब पुलिस को सड़कों पर सोने वालों को वहां से हटाने का और उनकी झुग्गियां तोड़ने का पूरा अधिकार होगा. अधिकारी का कहना है कि यह कानून समाज के हितों का ख्याल रखने वाला है.
हंगरी की सामाजिक मामलों की मंत्री अत्तिला फुलोप ने पत्रकारों से कहा, ‘इसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि रात को बेघर लोग सड़कों पर न बैठे रहें और आम नागरिक बिना किसी दिक्कत के उस जगह का इस्तेमाल कर सकें.
गौरतलब है कि हंगरी के सरकारी आश्रयगृहों में करीब 11,000 लोगों के रहने की जगह है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल कम से कम 20,000 लोग सड़कों पर रहते हैं.
सरकार का कहना है कि वह बेघरों के लिए दिए जाने वाले अनुदान में वृद्धि कर रही है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय संगठनों और अधिकार समूहों ने नए कानून की आलोचना की है.