नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना के बढ़ते मामलों पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि जिस तेजी से कोरोना फैल रहा है, उससे तेजी से वैक्सीनेशन कर देते तो कोरोना को काबू कर सकते थे। विरोधाभास है कि वैक्सीन आने के बावजूद कोरोना तेजी से फैल रहा है। हमें कोरोना को हराने के लिए उससे ज्यादा गति से वैक्सीनेशन चाहिए। केंद्र सरकार को वैक्सीनेशन को लेकर सभी प्रतिबंध हटा देने चाहिए, क्योंकि दिल्ली में 65 फीसदी मरीज 45 साल से कम उम्र के मिल रहे हैं। उन्होंने इसके लिए केंद्र से कई बार हाथ जोड़कर निवेदन किया है, प्रधानमंत्री को चिट्ठी भी लिखी है।
डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन के संबंध में कहा कि हम लॉकडाउन लगाना नहीं चाहते हैं। मजबूरी में कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं। अस्पतालों की व्यवस्था हमारे काबू में रही तो हमें दिल्ली में लॉकडाउन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, लेकिन अगर अस्पतालों में बेड की कमी होने लगी, तो कहीं ऐसा न हो कि लॉकडाउन लगाना पड़े, लेकिन इसमें सभी का सहयोग चाहिए। उन्होंने अपील की कि अस्पताल में बेड की उपलब्धता की जानकारी के लिए एप की मदद लें और बहुत जरूरी होने पर ही अस्पताल जाएं, नहीं तो होम आइसोलेशन का लाभ उठाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में यह चौथी लहर है, जो बेहद खतरनाक है। अकेले सरकार बहुत कुछ नहीं कर सकती, कोरोना को काबू करने में सभी का सहयोग चाहिए। कोरोना की स्थिति बेहद चिंताजनक है, लेकिन ‘आप’ की सरकार पूरी तरह से स्थिति पर नजर रखे हुए है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वक्त हम मोटे तौर पर तीन स्तर पर काम कर रहे हैं। पहला, किस तरह से कोरोना को फैलने से रोका जाए। इसमें सरकार अकेले बहुत कुछ नहीं कर पाएगी, दिल्ली वासियों को सहयोग देना पड़ेगा। सहयोग किसी और के लिए नहीं, बल्कि हमें अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य के लिए दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पूरी कोशिश कर रहे हैं और अस्पतालों में पूरे इंतजाम किए गए हैं। अच्छा से अच्छा इलाज मिले इसका प्रबंध किया गया है। किसी को अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की कमी नहीं होनी चाहिए। अस्पतालों में बेड की उपलब्धता की जानकारी कोरोना एप की मदद से प्राप्त करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग सिर्फ प्राइवेट अस्पतालों की तरफ दौड़ रहे हैं। प्राइवेट अस्पतालों में बेड थोड़ा कम होते हैं। सरकारी अस्पतालों में बहुत अच्छा इलाज हो रहा है। अस्पताल में तभी जाइए, जब आपको जरूरत हो। अगर सभी लोग अस्पताल की तरफ भागने लगे, तो अस्पताल कम पड़ जाएंगे। अस्पताल में बेड, आईसीयू और वेंटिलेटर कम पड़ जाएंगे। जरूरत नहीं हो तो होम आइसोलेशन में रहें। हमारी टीम आपके पास आएगी और सारा गाइड लाइन बताएगी। आपको ऑक्सीमीटर देगी और बताएगी कि कैसे होम आइसोलेशन करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी अस्पतालों की व्यवस्था हमारे नियंत्रण में है। सभी का सहयोग मिला और आगे भी अस्पतालों की व्यवस्था काबू में रही, तो हमें दिल्ली में लॉकडाउन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, लेकिन अस्पतालों में बेड नहीं मिलने लगे, तो कहीं ऐसा न हो कि लॉकडाउन लगाना पड़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी पूरे देश भर से रिपोर्ट आई है, जिसमें कि एक अस्पताल में 37 डॉक्टर, जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लगी थी, उनको भी कोरोना हो गया। उत्तर प्रदेश के एक अस्पताल से रिपोर्ट आई है और महाराष्ट्र के एक अस्पताल से रिपोर्ट आई है कि कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने दोनों डोज ले ली, बावजूद उन्हें कोरोना हो रहा है, इसलिए लोग पूछ रहे हैं कि क्या वैक्सीन लगाने से फायदा है।
कई विशेषज्ञों और डॉक्टरों का कहना है कि वैक्सीन लगाने से गंभीर बीमारी नहीं होती है, कोरोना दोबारा हो सकता है। वैक्सीन लगाने के बाद भी आप को मास्क पहनना चाहिए और बचाव करने चाहिए।