भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इस बार राजधानी में मानसून के आगे बढ़ने की भविष्यवाणी करने में न्यूमरिकल मॉडल (Numerical Model) की असफलता पर हैरानी जताई है. मौसम विभाग ने कहा कि उसके नए मॉडल विश्लेषण से संकेत मिला था कि बंगाल की खाड़ी से निचले स्तर पर नम पूर्वी हवाएं 10 जुलाई को पंजाब और हरियाणा होते हुए उत्तर पश्चिम भारत (North West India) में फैल जाएंगी, यानी इसके बाद मानसून आगे बढ़ेगा और दिल्ली सहित इस क्षेत्र में बारिश होगी.
न्यूमरिकल मॉडल फेल कैसे हुआ?
IMD ने एक बयान में कहा, नम पूर्वी हवाएं (Moist east winds) उत्तर पश्चिम भारत में फैल गई हैं. इन नम हवाओं के कारण बादल छाए रहे और ह्यूमिडिटी भी बढ़ गई है. इसी वजह से उत्तर पश्चिम भारत (North West India) में मानसून (Monsoon) फिर से बहाल हुआ और पूर्वी राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर में काफी बारिश हुई और पंजाब, पश्चिमी राजस्थान में हल्की बारिश हुई है. आईएमडी ने कहा, ‘हालांकि, इससे दिल्ली में बारिश नहीं हुई, भले ही दिल्ली के आसपास के इलाकों में बारिश हुई. दिल्ली में मानसून के आगे बढ़ने की भविष्यवाणी में न्यूमरिकल मॉडल की इस तरह की विफलता दुर्लभ और असामान्य है.’
रेगिस्तानी इलाकों में भी पहुंचा मानसून
बयान में कहा गया है कि IMD लगातार स्थिति की निगरानी कर रहा है और दिल्ली सहित उत्तर पश्चिम भारत के शेष हिस्सों में मानसून (Monsoon) के आगे बढ़ने पर नियमित जानकारी देता रहेगा. दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की बारिश सोमवार को जैसलमेर और गंगानगर के रेगिस्तानी जिले में पहुंच गई, जो इसका आखिरी स्थान था, लेकिन दिल्ली और हरियाणा के कुछ हिस्सों में बारिश नहीं हुई.
2002 के बाद अब तक का सबसे लेट मानसून
दिल्ली के आसपास – उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ और हरियाणा में करनाल – में बारिश हुई लेकिन गर्मी से कोई राहत दिए बिना बादल राष्ट्रीय राजधानी पर छाए रहे. पश्चिमी राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के अन्य हिस्सों में भी बारिश हुई. 2002 में, मानसून 19 जुलाई को दिल्ली पहुंचा था. उसके बाद से यह दिल्ली में सबसे लेट मानसून है.