इससे लोगों को प्रदूषण से मामूली राहत मिली है। हालांकि, अब भी लोगों को सांस लेने में परेशानी और आंखों में जलन महसूस हो रही है। गुनगुनी धूप निकलने से धूल और धुएं की मोटी परत टूट गई।
राजधानी में हवा की दिशा व गति बदलने से रविवार को वायु गुणवत्ता एक बार फिर गंभीर श्रेणी से सुधर कर बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई है। इससे लोगों को प्रदूषण से मामूली राहत मिली है। हालांकि, अब भी लोगों को सांस लेने में परेशानी और आंखों में जलन महसूस हो रही है। गुनगुनी धूप निकलने से धूल और धुएं की मोटी परत टूट गई।
इस दौरान केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 318 दर्ज किया गया। इसमें शनिवार की तुलना में 94 सूचकांक की गिरावट रही। यह 22 दिन के बाद एक्यूआई इतने नीचे रिकॉर्ड किया गया। इससे पहले 2 नवंबर को एक्यूआई 316 दर्ज किया गया था।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, सोमवार से अगले तीन दिनों तक कमोबेश यही स्थिति रहने की आशंका है। ऐसे में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार ही बनी रहेगी। रात के समय कुहासा छाया रहेगा। साथ ही, आसमान में स्मॉग छाया रहेगा।
वाहनों से प्रदूषण की 18% हिस्सेदारी
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषकों के फैलाव के लिए मौसम संबंधी स्थितियां बेहद अनुकूल होने से स्थिति बिगड़ रही है। भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) वेंटिलेशन इंडेक्स 11,000 घनमीटर प्रति सेकंड रही। डिसिजन स्पोर्ट सिस्टम (डीएसएस) के मुताबिक हवा में वाहनों से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी 18.155 फीसदी, कूड़ा जलने से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी 1.651 फीसदी रही।