तापमान बढ़ने के बावजूद दिल्ली में डीडीए के सात जैव विविधता पार्कों में तितलियों की प्रजातियों की संख्या में खास गिरावट दर्ज नहीं की गई है। देश के सभी पांच तितली परिवारों की 68 प्रजातियों की 8,337 तितलियां डीडीए जैव विविधता पार्कों में मौजूद हैं।
बड़े मौसमी बदलावों से गुजर रहे दिल्ली सरीखे मेट्रो शहरों के लिए तितलियों ने इस बार बड़ा संदेश दिया है। तापमान बढ़ने के बावजूद दिल्ली में डीडीए के सात जैव विविधता पार्कों में तितलियों की प्रजातियों की संख्या में खास गिरावट दर्ज नहीं की गई है। देश के सभी पांच तितली परिवारों की 68 प्रजातियों की 8,337 तितलियां डीडीए जैव विविधता पार्कों में मौजूद हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि मौसम के बदलते मिजाज के बावजूद जैव विविधता पार्क में तितलियों की विविधता स्थिर है। जबकि तितलियां तापमान के प्रति बेहद संवेदनशील हैं। पारे में मामूली बढ़ोत्तरी से इनकी संख्या कम हो जाती है। साफ है कि पार्क जलवायु परिवर्तन अनुकूलन क्षमता रखता है।
शहरी केंद्रों में विकसित जैव विविधता पार्क जलवायु परिवर्तन के असर को बेअसर कर सकते हैं। दरअसल, बीते पांच सालों से डीडीए के सात जैव विविधता पार्कों में दीर्घकालिक आंकड़े जुटाने के लिए विशेषज्ञ तितलियों की गणना कर रहे हैं। संख्या जानने के साथ सर्वे इसलिए भी अहम था कि तितलियां वायु प्रदूषण, तापमान, बारिश समेत दूसरे पर्यावरणीय परिवर्तनों के प्रति बेहद संवेदनशील होती है।
यह महत्वपूर्ण परागणकर्ता भी हैं। तितलियों की संख्या में कमी-बेशी के सहारे पर्यावरण में होने वाले बदलावों की भविष्यवाणी की जा सकती है। इसी कड़ी में यमुना, अरावली, तिलपत वैली, उत्तरी रिज, नीला हौज, तुगलकाबाद और कालिंदी जैव विविधता पार्क में बीते दिनों तितलियों की गिनती की गई। इस दौरान वयस्क तितलियों को धूप सेंकते, प्रजनन करते, अंडे देते हुए रिकॉर्ड किया गया। वहीं, परपोषी पौधों पर लार्वा और अंडे देखे। सर्वेक्षण के नतीजे संतोषजनक रहे। सातों पार्कों में देश के सभी पांच तितली परिवारों से तितलियों की 68 प्रजातियों के 8,337 संख्या डीडीए जैव विविधता पार्क में दिखी।
सबसे ज्यादा अरावली, कालिंदी में सबके कम तितलियां
जैव विविधता पार्क कार्यक्रम के वरिष्ठ वैज्ञानिकों डॉ. आयशा सुल्ताना और मोहम्मद फैसल की निगरानी में किए गए सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि अरावली जैव विविधता पार्क में तितली की सबसे ज्यादा 58 प्रजातियां देखी गई। वहीं, कालिंदी जैव विविधता पार्क में इनकी संख्या सबसे कम सिर्फ 18 रही। दूसरी तरफ संख्या के हिसाब से सबसे ज्यादा प्रजातियां प्लेन टाइगर, कॉमन इमीग्रेंट येलो ऑरेंज टिप, लेमन पैंसी, कॉमन गल और कॉमन ग्रास येलो तितलियों की मिलीं।
तितलियों की संख्या का ट्रेंड
विशेषज्ञ बताते हैं कि इस साल अक्तूबर के तापमान की तुलना बीते सालों से करने पर पता चलता है कि इस बार तापमान तुलनात्मक रूप से ज्यादा था। फिर भी, इनकी संख्या में बड़ी गिरावट नहीं दिखी। इससे पता चलता है कि जैव विविधता पार्क दिल्ली की तितलियों के लिए समृद्ध आवास बन गए हैं। असामान्य गर्मी के बावजूद तितलियों की संख्या, विविधता और गतिविधि स्थिर रही।
वैज्ञानिक बोले..
मौसम के बदलते मिजाज के बावजूद डीडीए जैव विविधता पार्क में तितलियों की विविधता स्थिर रही है। इससे पता चलता है कि जैव विविधता से समृद्ध आवास जलवायु परिवर्तन अनुकूलन करने की क्षमता रखता है। डीडीए जैव विविधता पार्क जलवायु परिवर्तन के प्रभावों सहित पर्यावरणीय मुद्दों के अध्ययन के लिए एक जीवित प्रयोगशाला के रूप में कार्य करता है।
-डॉ. फैयाज खुदसर, प्रभारी वैज्ञानिक, जैव विविधता पार्क