चौबीस घंटे के अंतराल में हवा और खतरनाक स्थिति में पहुंच गई। 33 अंकों की बढ़ोत्तरी के साथ मंगलवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 434 दर्ज किया गया। इसके साथ ही गाजियाबाद देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा। वहीं ग्रेटर नोएडा 454 अंक के साथ देश का सबसे अधिक प्रदूषित शहर रहा।
ग्रैप के तीसरे चरण में कार्रवाई के बावजूद प्रदूषण का स्तर कम नहीं हो रहा है क्योंकि कूड़ा जलने और धूल उड़ने पर रोक नहीं लग पा रही है। यही कारण है कि इस साल प्रदूषण का स्तर पिछले वर्षों के मुकाबले काफी ज्यादा बढ़ रहा है। हालात इतने खराब हैं कि मंगलवार को शहर के चारों स्टेशनों का वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार दर्ज किया गया। इंदिरापुरम का एक्यूआई भी 11 माह बाद 400 से अधिक पहुंचा। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी अंकित सिंह ने बताया कि निगरानी बढ़ाई गई है। आने वाले दिनों में इसका सकारात्मक परिणाम दिखेगा। उन्होंने कहा कि आम लोगों को खुद से भी सावधानी बरतनी होगी। घर के सामने व आसपास सुबह शाम पानी का छिड़काव करने से राहत मिलेगी।
देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहर
ग्रेटर नोएडा454
गाजियाबाद 434
हापुड़ 398
बागपत 397
नोएडा 390
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