थाईलैंड में एक गुफा के भीतर फंसे 12 फुटबॉल खिलाड़ी और उनके कोच को बचाने में मदद करते हुए ऑक्सीजन की कमी के कारण सेना के एक पूर्व गोताखोर की मौत हो गई. यह घटना पानी में डूबी गहरी गुफा के भीतर से टीम को निकालने के अभियान के खतरों के बारे में संकेत देती है. इस मौत के बाद इसी रास्ते से गुफा में फंसे युवा खिलाड़िओं को निकालने को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं.
गोताखोर की मौत के बाद उठे सवाल
चिआंग राय के डिप्टी गवर्नर पास्साकोर्न बूनयालक ने कहा, ‘‘अपनी इच्छा से मदद करने वाले एक पूर्व सील गोताखोर की मौत हो गई.’’ उन्होंने इसे ‘दुखद खबर’ बताया. गोताखोर की पहचान समन कुनोंत के रूप में हुई है. कुनोंत थाम लुआंग गुफा के भीतर एक जगह से वापस आ रहे थे तभी उन्हें ऑक्सीजन की कमी हो गई. थाई सील के कमांडर एपाकोर्न यूकोंगकाव ने कहा, ‘‘वापस लौटते समय वह बेहोश हो गया.’’
उन्होंने बताया कि एक दोस्त ने उन्हें बाहर निकालने की कोशिश की. यह पूछे जाने पर कि अगर एक अनुभवी गोताखोर बाहर नहीं निकल पाया तो लड़के कैसे सुरक्षित बाहर निकल पाएंगे, एपाकोर्न ने कहा कि वो बच्चों के साथ ज्यादा एहतियात बरतेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि हमने एक व्यक्ति को खो दिया लेकिन अब भी हमारा विश्वास काम जारी रखने में है.’’
जून के महीने में फंसे थे बच्चे
आपको बता दें कि थाईलैंड की एक गुफा में हफ्ते भर से ज्यादा समय बीत जाने के बाद लापता अंडर-16 फुटबॉल टीम के 12 बच्चे और उनके कोच का पता चल गया है. सभी 12 खिलाड़ी जीवित हैं लेकिन उन्हें गुफा से बाहर निकालने में महीनों का समय लग सकता है. जिस गुफा में वो फंसे हैं उसमें बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है.
थाईलैंड की अंडर- 16 फुटबॉल टीम के 12 बच्चे और उनके 25 साल के कोच 23 जून से लापता हैं. ऐसा अनुमान है कि उन्होंने भारी बारिश की वजह से गुफा में शरण ली थी और बारिश की वजह से गुफा का प्रवेश द्वारा बंद हो गया जिससे वो वहां फंस गए. इन बच्चों की उम्र 11 से 16 साल के बीच है.
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