मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के महाकुंभ में कोविड निगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता खत्म करने और अधिक से अधिक श्रद्धालुओं के हरिद्वार पहुंचने के आह्वान पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने महाकुंभ में कोविड के खतरे को लेकर चिंता जताई है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि देशभर में कोविड के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है। कुंभ राज्य का नहीं बल्कि देश एवं दुनिया का पर्व है। इसलिए जोखिम नहीं लेना चाहिए। कोविड से बचाव और उसके फैलाव को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के कोविड नियमों में ढील दिए जाने के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ में श्रद्धालु निमंत्रण से नहीं आते हैं। श्रद्धालु अपनी आस्था, श्रद्धा, विश्वास और स्वेच्छा से आते हैं। ऐसे में श्रद्धालु पहले भी आते और अब भी आएंगे।
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि रविवार को देश में 25 हजार नए केस आए हैं। पहले तीन राज्यों में चिंताजनक स्थिति थी, जो अब बढ़कर सात राज्यों तक पहुंच गई है। ऐसी महामारी में किसी भी तरह का जोखिम ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि इसलिए संक्रमण को फैलने से रोकने की जिम्मेदारी सभी की है।
कहा कि अच्छी बात है कि आज टीकाकण हो रहा है। लेकिन टीके का असर 42 दिन के बाद होता है। आबादी के अनुपात में टीके की देश में उपलब्धता भी नहीं है। लोगों में टीकाकरण के प्रति जागरूकता भी नहीं है। मोदी सरकार के इतने प्रयासों के बाद भी लोग टीका लगाने के प्रति सजग नहीं हैं। किसी अस्पताल को रोजाना टीके का 200 का कोटा जारी हो रहा है तो वहां डेढ़ सौ से 160 लोग ही लगवा रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जागरूकता के साथ हम सबकी जिम्मेदारी की जरूरत है। समझने की जरूरत है कैसे राज्य को बचाना है। देश में बढ़ते केस चिंताजनक हैं। पूर्व मुख्यमंत्री सोमवार को कनखल स्थित हरिहर आश्रम में महामृत्युंजय मंदिर में पूजा-अर्चना करने पहुंचे थे। उन्होंने पारद शिवलिंग की पूजा कर देश और राज्य में खुशहाल के लिए प्रार्थना की। कहा कि बीते चार-पांच दिनों से कहीं निकलना नहीं हुआ। इसलिए भोलेनाथ का अभिषेक कर आशीर्वाद लेने हरिद्वार पहुंचे।