बांसवाड़ा जिले के कसारवाड़ी गांव में एक विवाहिता के अपने तीनों बच्चों के साथ जहर खाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। गांव के लोगों ने विवाहिता और तीनों बच्चों को सड़क किनारे बेहोशी की हालत में पाया था। इनमें से आठ साल की एक बालिका की मौत हो गई, जबकि अन्य दो बच्चों एवं उनकी मां की हालत गंभीर बनी हुई हैं। तीनों का उपचार उदयपुर के एमबी अस्पताल में जारी है।
मिली जानकारी के अनुसार जापा मउड़ी गांव के सुखलाल की पत्नी काली देवी (30), उसका बेटा पगला (10), बेटी रोहिता (8) और दो साल का एक और बालक बेहोशी की हालत में सड़क किनारे आम के पेड़ के नीचे ग्रामीणों को मिले थे। गांव के लोगों ने मुंह पर पानी छिड़ककर उठाने की कोशिश की तो वह तड़पने लगे। ग्रामीणों ने चारों लोगों को उठाया और तत्काल कसारवाड़ी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) ले गए। इस बीच सूचना मिलते ही सज्जनगढ़ थाना पुलिस भी अस्पताल पहुंच गई
पीएचसी से उन्हें डूंगरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेफर कर दिया और वहां भी हालत में सुधार नहीं होने पर उन्हें बांसवाड़ा के जिला अस्पताल महात्मा गांधी राजकीय अस्पताल ले जाया जा रहा था कि रास्ते में बालिका रोहिता (8) ने दम तोड़ दिया। जिला अस्पताल में जांच से पता चला कि चारों की हालत जहर के सेवन से बिगड़ी है। जहां कुछ घंटे के उपचार के बाद दोनों बच्चों को संभाग के सबसे बड़े उदयपुर स्थित महाराणा भूपाल अस्पताल भेज दिया गया। यहां दोनों बच्चों की हालत यहां गंभीर बनी हुई है।
बीस दिन पहले ससुराल से निकली महिला इस बीच कहां रही, जांच का विषय
उधर, सज्जनगढ़ थाना पुलिस का कहना है कि विवाहिता काली का पति पिछले दो महीनों से बड़ौदा-गुजरात काम के सिलसिले में गया हुआ था, जबकि काली अपने बच्चों के साथ जापा मउड़ी में सास-ससुर के साथ रहती है। बीस-बाइस दिन पहले काली अपने बच्चों को लेकर ससुराल ने निकल गई लेकिन वह अपने पीहर नहीं पहुंची। काली का ससुराल मध्यप्रदेश के काकनवाड़ी क्षेत्र के हरिनगर में है।
सवाल यह उठता है कि ससुराल ने निकलने के बाद यह महिला कहां रूकी और उसके साथ ऐसा क्या घटित हुआ कि उसने बच्चों के साथ जहर का सेवन कर लिया। इस मामले में विवाहिता ही कुछ बता सकती है, लेकिन फिलहाल उसकी हालत बयान लेने जैसी नहीं है।