आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन ग्रुप को लोन देने के मामले से बैंक की सीईओ चंदा कोचर विवादों में आ गई हैं. आरोप ये है कि बैंक ने 2012 में वीडियोकॉन समूह को 3,250 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था. इस कर्ज के बाद वीडियोकॉन के चेयरमैन वेनूगोपाल धूत ने 64 करोड़ रुपये का निवेश चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की कंपनी नू पॉवर रिन्यूएबल में किया था. इस मामले की जांच हो रही है. लेकिन इस मौके पर हम आपको बता रहे हैं कि चंदा कोचर कौन हैं? और कैसे बैंक में शीर्ष मुकाम पर पहुंचीं? आज से 34 साल पहले उन्होंने ICICI में बतौर ट्रेनी ज्वाइन किया था. आगे पढ़िए, चंदा कोचर का आगे का सफर…ट्रेनी के रूप में ज्वाइन किया बैंक, फिर बनीं पावरफुल महिला
कोचर ने 1984 में आईसीआईसीआई में मैनेजमेंट ट्रेनी के पद पर ज्वाइन किया था. आईसीआईसीआई ने जब 1993 में कॉमर्शियल बैंकिंग में एन्ट्री का फैसला किया तो उन्हें आईसीआईसीआई बैंक के कोर टीम में रखा गया.
ट्रेनी के रूप में ज्वाइन किया बैंक, फिर बनीं पावरफुल महिला
बैंक के रिटेल बिजनेस को सेटअप करने में कोचर का काफी अहम योगदान रहा. कॉमर्शियल बैंकिंग शुरू करने के आठ साल बाद 2001 में उन्हें रिटेल बिजनेस का हेड बनाया गया और उन्होंने एग्जेक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में काम शुरू किया. फिर अप्रैल 2006 में उन्हें डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया.
ट्रेनी के रूप में ज्वाइन किया बैंक, फिर बनीं पावरफुल महिला
कोचर को 1 मई 2009 से आईसीआईसीआई बैंक का सीईओ बनाया गया. चंदा कोचर को भारत में रिटेल बैंकिंग को दिशा देने के लिए खास तौर से जाना जाता है.
ट्रेनी के रूप में ज्वाइन किया बैंक, फिर बनीं पावरफुल महिला
फॉर्च्यून मैगजीन की ओर से जारी दुनिया की सबसे पावरफुल मैगजीन की लिस्ट में कोचर को कई बार जगह दी गई थी. फोर्ब्स की ‘दुनिया की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाएं’ की लिस्ट में भी कोचर का नाम कई बार शामिल किया गया था.
ट्रेनी के रूप में ज्वाइन किया बैंक, फिर बनीं पावरफुल महिला
2016 की फॉर्च्यून की सबसे शक्तिशाली महिलाओं की लिस्ट में वे 5वें नंबर पर थीं, जबकि इसी साल फोर्ब्स की ओर से जारी लिस्ट में उन्हें 10वां स्थान दिया गया था.