एशिया और अफ्रीका में चीन के असर को कम करने के लिए अमेरिका ने लगता है कमर कस ली है. चीन के ‘वन बेल्ट वन रोड’ (OBOR) के जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 60 अरब डॉलर के ऐसे प्लान को हरी झंडी दिखा दी है, जिसके तहत एशिया, अफ्रीका और अमेरिका में बुनियादी ढांचे के निर्माण कार्य के लिए आर्थिक सहायता में बढ़त की जाएगी.
नई एजेंसी बनेगी
ट्रंप ने पिछले हफ्ते एक ऐसे बिल पर दस्तखत किए हैं, जिसके द्वारा एक नई विदेशी आर्थिक सहायता एजेंसी ‘द यूएस इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्प’ का गठन किया जाएगा. यह एजेंसी विकासशील देशों में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में कारोबार करने की इच्छुक कंपनियों को कुल 60 अरब डॉलर के लोन, लोन गारंटी और बीमा प्रदान करेगी.
ट्रंप के विचारों का यू-टर्न
गौरतलब है कि ट्रंप के इस कदम को उनकी पूर्व घोषित नीतियों से पूरी तरह से उलट बताया जा रहा है. उन्होंने 2015 में अपने राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान विदेश को मदद देने के कदमों की कठोर आलोचना की थी. राष्ट्रपति बनने के बाद ही उन्होंने विदेशी सहायता में 3 अरब डॉलर की कटौती कर दी थी.
असल में, खासकर एशिया और अफ्रीका में चीन की बढ़ती आर्थिक, तकनीकी और राजनीतिक प्रभुत्व को लेकर ट्रंप अब परेशान दिख रहे हैं. चीन ने एशिया, पूर्वी योरोप और अफ्रीका में बड़े प्रोजेक्ट के वित्तपोषण के लिए पांच साल की मेहतन के बाद एक व्यापक योजना तैयार की है. चीन के बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव (BRI) या वन बेल्ट वन रोड इनिशिएटिव (OBOR) के तहत 100 से ज्यादा देशों में बुनियादी ढांचा निर्माण में 1 लाख करोड़ डॉलर का कर्ज देने का लक्ष्य है.
अमेरिका और चीन के बीच एक तरह का ट्रेड वार भी चल रहा है. ट्रंप प्रशासन ने हाल के दिनों में चीनी माल पर 250 अरब डॉलर का टैरिफ थोप दिया है.