झारखंड की हार ने बीजेपी को दिया सबक: आदिवासी वोट बना मुददा

झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खराब प्रदर्शन के बाद आदिवासियों में पार्टी की स्वीकार्यता को लेकर बहस छिड़ी हुई है. झारखंड में 26 सीटें ऐसी हैं जो आदिवासी बहुल हैं और कुल 81 सीटों वाली विधानसभा में 28 सीटें अनुसूचित जनजाति (STs) के लिए आरक्षित हैं.

बीजेपी ने 2014 में यहां 11 एसटी सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार आदिवासी बहुल सीटों पर बीजेपी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा. इस चुनाव में वह सिर्फ दो सीटों पर सिमट गई.

(DIU) ने झारखंड विधानसभा चुनाव परिणाम का विश्लेषण किया है. इस दौरान यह पाया गया कि आदिवासी समाज, बीजेपी से दू​री बना रहा है.

DIU ने 20 राज्यों में एसटी वर्ग के लिए आरक्षित 522 सीटों के चुनाव परिणामों का अध्ययन किया. अशोका यूनिवर्सिटी के त्रिवेदी सेंटर फॉर पॉलिटिकल डाटा के आंकड़ों के मुताबिक, बीजेपी के पास इनमें से सिर्फ 144 यानी 27.59 सीटें हैं.

आंकड़ों को क्षेत्रों के आधार पर बांट कर देखने पर DIU ने पाया कि मध्य भारत के राज्यों जैसे- झारखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी के पास कुल 20 आदिवासी सीटें हैं.

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