दिल्ली हाई कोर्ट ने जेल महानिदेशक (डीजी) से जेल में रह रहे कैदियों के लिए सोशल वर्क प्रोग्राम के लिए जेल के अंदर ट्रेनिंग की व्यवस्था करने की बात कही है। कोर्ट ने जेल डीजी से अगली सुनवाई पर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा है। मालूम हो कि कोर्ट करण नाम के युवक की याचिका की सुनवाई कर रही थी। करण सोशल वर्क प्रोग्राम की ट्रेनिंग के लिए 5 हफ्ते की सजा से छुट्टी की मांग किया है। इस कोर्ट में फील्ड वर्क ट्रेनिंग करनी पड़ती है।
जस्टिस मुक्ता गुप्ता और अनीश दयाल की खंडपीठ ने जेल डीजी से अनुरोध किया है कि वह इस बात का ध्यान रखें कि प्रोग्राम की ट्रेनिंग जेल में ही दी जा सके। पीठ ने कहा कि जेल के अंदर ही वो सारी व्यवस्थाएं होनी चाहिए जिससे सोशल वर्क प्रोग्राम की ट्रेनिंग दी जा सके। पीट ने कहा कि इससे जेल में बंद कई कैदियों को लाभ मिल सकेगा।
पीठ ने जेल डीजी से अनुरोध किया है कि जेल में बंद बाकी कैदी भी सोशल वर्क प्रोग्राम की पढ़ाई कर सके इसके लिए व्यवस्था की जाए। इससे उन कैदियों को फायदा मिलेगा जो इग्नू से इस कोर्स की पढ़ाई कर रहे हैं या करना चाहते हैं। पीठ ने जेल अधिकारियों से इसपर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
मिली जानकारी के अनुसार इग्नू के स्कूल ऑफ सोशल वर्क के निदेशक और जेल अधिकारियों के बीच ई-मेल का आदान-प्रदान हुआ है। दोनों मिलकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि जेल में रह रहे कैदियों को बैचलर कोर्स करने में कोई कठिनाई न हो। साथ ही फील्ड वर्क या कोर्स से संबंधित किसी और ट्रेनिंग के लिए उन्हें कहीं बाहर न जाना पड़े। जेल परिसर के अंदर ही उनकी ट्रेनिंग पूरी हो जाए।
इस मामले पर पीठ अगली सुनवाई 28 नवंबर को करेगी। जेल डीजी से स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है।