फर्जी दस्तावेज के सहारे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का बिल बनाने और उसके आधार पर खरीद-बिक्री करने के नए-नए मामले सामने आते जा रहे हैं। ताजा मामला टेल्को क्षेत्र से जुड़ा है, जहां पीके ट्रेडर्स ने ना केवल फर्जी बिल बनाकर सामानों की खरीद-बिक्री की, बल्कि उसके आधार पर खरीदारों ने लगभग 7.32 करोड़ रुपये इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का सरकार पर दावा भी ठोक दिया।
झारखंड राज्य कर विभाग, जमशेदपुर प्रमंडल के संयुक्त आयुक्त संजय कुमार प्रसाद ने बताया कि बिल भुगतान करने के लिए जब विवरणों का मिलान किया गया, तो पीके ट्रेडर्स का नाम-पता सब फर्जी मिला। इसके बाद जमशेदपुर अंचल की ओर से टेल्को थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। संयुक्त आयुक्त ने बताया कि इसे मिलाकर अब तक जमशेदपुर प्रमंडल में जीएसटी फर्जीवाड़े के विभिन्न थानों में पांच मामले दर्ज कराए जा चुके हैं, जिसमें लगभग 65 करोड़ 26 लाख रुपये का चूना सरकार को लगाने की कोशिश की गई है। जिला पुलिस इस मामले में तत्परता से काम कर रही है।
पुलिस के साइबर एक्सपर्ट विभिन्न कागजातों के आधार पर जांच-पड़ताल कर रहे हैं, उम्मीद है कि देर से ही सही सभी आरोपित पकड़े जाएंगे। साइबर सेल इस दिशा में कार्य प्रारंभ कर चुका है। उम्मीद है इसका परिणाम सामने आयेगा। इसके लिए विशेषज्ञों के एक दल का गठन किया गया है।
अब तक का फर्जीवाड़ा
26 मई : कंचन एलाय एंड स्टील, जुगसलाई (मनोज पारिख): 14 करोड़ 28 मई : कृष्णा इंटरप्राइजेज, बिरसानगर (अंकित शर्मा) : 37.16 करोड़
8 जून : महिंद्रा ट्रेडर्स, बर्मामाइंस : 1.05 करोड़
8 जून : शाकंभरी मेटालिक्स एंड एलाय, जुगसलाई : 5.73 करोड़
9 जून : पीके ट्रेडर्स, टेल्को : 7.32 करोड़
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