इस मछली का नाम ओरफिश बताया जा रहे है और इसे टोयामा खाड़ी के पास 10 दिनों के अंदर तीन दफा देखा गया है। यह मछली गहरे समंदर में 3,000 फीट गहराई में पाई जाए हैं। कभी-कभी ही यह मछली सतह पर आती हैं। जापान में लोग में मान्यता है कि ओरफिश ‘समुद्री देवता के महल का संदेशवाहक’ है और प्रकृतिक आपदा से पहले ये मछली समुद्र के तट पर आ जाती हैं। लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2011 में तोहोकू भूकंप से पहले उत्तर पूर्वी जापान के समुद्री तट पर लगभग 20 मछलियां आई थीं।
जापान में इन दिनों लोगों के बीच सुनामी को लेकर चर्चाएं चल रही हैं और सुनामी की आहट ने इन लोगों के बीच खौफ का माहौल उत्पन्न कर दिया है। यह खौफ एक असाधारण मछली को देखे जाने के बाद उत्पन्न हुआ है। इस मछली के दिखने के बाद से ही जापान के लोग ये मान रहे हैं कि देश में जल्द ही कोई भयानक प्राकृतिक आपदा आ सकती है।
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इसके बाद आया भूकंप हाल के इतिहास में सबसे ज्यादा विनाश किया था, जिसमें 19,000 लोगों की मौत हुई थी और फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र बर्बाद हो गया था। कुछ ही दिन पहले फिलीपींस के अगुसन डेल नॉर्ट में ओरफिश देखी गई थीं। 6.3 तीव्रता के भूकंप से पहले भी तट के पास पांच और ओरफिश दिखाई दी थीं। वहीं, वैज्ञानिकों का कहना है कि ओरफिश के समुद्र तट पर दिखने और भूकंप के मध्य कोई संबंध नहीं है, वहीं, शोधकर्ताओं का मानना कि वे प्राकृतिक आपदाओं का अहसास कर सकती हैं।