शास्त्र नियम के अनुसार सूर्योदय के बाद 10 घड़ी तक या मध्यान्ह में अभिजीत मुहूर्त के समय चैत्र वासंत शुक्ल प्रतिपदा में नवरात्रारंभ कलश स्थापना किया जाता है। शास्त्रानुसार इस विहित काल में प्रतिपदा तिथि की पहली 16 घड़ियां तथा चित्रा नक्षत्र एवं वैधृति योग का संपर्क वर्जनीय है। शास्त्र वचन अनुसार इन दोषों का जहां तक संभव हो, त्याग करना चाहिए। 

धर्मसिन्धुकार अनुसार
इस वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिप्रदा 13 अप्रैल 2021, मंगलवार ई. के दिन 10.17.33 तक रहेगी व इस दिन हिन्दू नववर्ष आरंभ होगा।
घटस्थापना कैसे करें?
हिन्दू मान्यतानुसार चैत्र माह की प्रतिपदा और आश्विन मास की प्रतिपदा तिथि से नवरात्र व्रत किए जाते हैं। नवरात्र का आरंभ प्रतिपदा तिथि को कलश स्थापना (जिसे घटस्थापना भी कहा जाता है) से किया जाता है।
घटस्थापना विधि भागवत के अनुसार नवरात्र व्रत की शुरुआत प्रतिपदा तिथि को घट या कलश स्थापना से की जानी चाहिए। कलश को गंगा जल से भरना चाहिए और उसमें पंच रत्न और पंच पल्लव (आम के पत्ते) डालने चाहिए। पहले दिन उत्तम विधि से किया हुआ पूजन मनुष्यों की अभिलाषा पूर्ण करने वाला होता है।
चैत्र नवरात्र घटस्थापना मुहूर्त
घटस्थापना मुहूर्त इस प्रकार हैं-
चल- 9.18 से 10.53 तक।
लाभ- 10.53 से 12.27 तक।
अमृत- 12.27 से 14.02 तक।
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