हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि विदेश यात्रा का अधिकार एक मौलिक अधिकार है। पासपोर्ट अधिनियम के तहत पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए दोनों माता-पिता की सहमति आवश्यक नहीं है, जब तक कि कोई न्यायालय इस संबंध में रोक न लगाए।
अभिनेता पिता नितीश भारद्वाज की आपत्ति को खारिज करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट की एकलपीठ ने नाबालिग जुड़वा बेटियों के पासपोर्ट नवीनीकरण की कार्रवाई एक सप्ताह में पूरी करने के आदेश जारी किए हैं। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि नाबालिग बच्चों के पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए पिता की अनुमति आवश्यक नहीं है।
अभिनेता नितीश भारद्वाज की नाबालिग बेटियां देवयानी और शिवरंजनी की ओर से उनकी मां स्मिता भारद्वाज द्वारा याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया कि दोनों नाबालिग बच्चियों के पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए भोपाल पासपोर्ट कार्यालय में आवेदन किया गया था। पासपोर्ट कार्यालय ने इस संबंध में बच्चों के पिता को सूचना दी थी। पिता द्वारा आपत्ति दर्ज कराए जाने पर पासपोर्ट कार्यालय ने पासपोर्ट नवीनीकरण से इनकार करते हुए न्यायालय की अनुमति लेने का निर्देश दिया था।
याचिका में यह भी कहा गया कि माता-पिता के बीच तलाक और बच्चों की अभिरक्षा को लेकर मामला मुंबई की बांद्रा कोर्ट में लंबित है। मां ने बांद्रा कोर्ट में बच्चों के पासपोर्ट नवीनीकरण की अनुमति के लिए आवेदन किया था। पिता की आपत्ति के कारण मां ने आवेदन वापस लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर कर राहत की मांग की।
हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि विदेश यात्रा का अधिकार एक मौलिक अधिकार है। पासपोर्ट अधिनियम के तहत पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए दोनों माता-पिता की सहमति आवश्यक नहीं है, जब तक कि कोई न्यायालय इस संबंध में रोक न लगाए। याचिकाकर्ता मां ने फार्म सी में जानकारी दी है कि पति से तलाक और बच्चों की अभिरक्षा का मामला न्यायालय में लंबित है।
एकलपीठ ने यह भी कहा कि आपत्ति करने वाले पिता को यह स्वतंत्रता है कि यदि उन्हें लगता है कि गलत जानकारी देकर बच्चों का पासपोर्ट नवीनीकरण करवाया गया है, तो वह इस संबंध में कुटुंब न्यायालय में पक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ उपस्थित हुए।