भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों में से एक है। आम लोगों की आवाज को बुलंद करने के लिए पार्टियां बनाई जाती हैं। लेकिन, ज्यादातर पार्टियों की हकीकत कुछ और है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त के मुताबिक भारत में करीब 1900 पार्टियां पंजीकृत हैं। लेकिन, 400 पार्टियों ने कभी भी चुनावों में हिस्सा नहीं लिया।
निर्वाचन आयोग के मुताबिक इन पार्टियों का इस्तेमाल काले धन को सफेद करन में किया जाता रहा है। इन पार्टियों पर लगाम लगाने के लिए निर्वाचन आयोग अपनी सूची से हटाने की कार्रवाई कर रहा है, ताकि इन दलों को मिलने वाले दान पर रोक के साथ आयकर छूट भी न मिल सके।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त से जब इन पार्टियों के पंजीकरण को रद्द करने के बारे में पूछा गया तो उनका जवाब था वो एक लंबी प्रक्रिया होती है। उन्होंने कहा कि आयोग वैसी पार्टियों के पंजीकरण को रद्द कर देगा। लेकिन, तात्कालिक तौर पर सूची से हटाने की प्रक्रिया को अपनाया जा रहा है।
निर्वाचन आयोग ने राज्य निर्वाचन आयोगों से ऐसी पार्टियों के बारे में विस्तृत जानकारी भेजने को कहा है जिन्होंने चुनावों में कभी शिरकत नहीं की। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि इस प्रक्रिया को अब वार्षिक अभ्यास के तौर पर अमल में लाया जाएगा।