चीन ने सोमवार को रूस के साथ दशकों पुरानी परमाणु हथियार संधि तोड़ने के अमेरिकी फैसले का विरोध किया. चीन ने इसे गलत कदम बताया और कहा कि इससे दुनिया पर नकारात्मक असर पड़ेगा. बीजिंग ने कहा कि अगर वॉशिंगटन ने चीन को लेकर ऐसा फैसला लिया है तो यह और भी गलत है.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, “हम अमेरिका के एकतरफा संधि तोड़ने का विरोध करते हैं. हम इस बात पर बल देते हैं कि यह फैसला तो गलत है ही और चीन को कारण बताना और भी गलत है.”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि उनका देश रूस के साथ ऐतिहासिक इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सेस ट्रीटी वासप ले लेगा. संधि तोड़ने के कारण के रूप में मास्को द्वारा संधि की शर्तो का उल्लंघन करने का जिक्र किया गया था.
यह करार अमेरिका और तत्कालीन सोवियत संघ के बीच हुआ था जिसके तहत उनको करीब 300 और 400 मीलों के बीच रेंज वाले बैलिस्टिक और क्रूज़ मिसाइल को समाप्त करना था. ट्रंप ने कहा कि रूस ने संधि का उल्लंघन किया है और चीन इसमें इसका कोई हिस्सा नहीं है, इसलिए बेहतर यह कि इस करार से बाहर निकला जाए.