कश्मीर मसले पर चीन की लुकाछिपी का खेल जारी है। यह चीन की सोची समझी कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा है। वह अपने इस कदम से पाकिस्तान और भारत दोनों को साधने में जुटा है। इस मामले में उसका स्टैंड लगातार बदल रहा है।
वह कभी कश्मीर समस्या का समाधान संयुक्त राष्ट्र चार्टर और उसके प्रस्तावों के तहत करने की वकालत करता है और जम्मू कश्मीर की यथास्थिति से कोई छेड़छाड़ नहीं करने की नसीहत देता है। तो कभी भारत-पाकिस्तान का द्विपक्षीय मसला मानते हुए इसे संवाद के जरिए समाधान तलाशने की बात करता है। एक बार फिर उसके रुख में बदलाव आया है। उसने कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र चार्टर की वकालत की है।
चीन ने कब और कहां अपने स्टैंड को बदला है। चीन का यह रुख ऐसे समय आया है जब चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की भारत यात्रा Chinese President Xi Jinping’s visit to India शुरू होने वाले हैंं। चिनफिंग की भारत यात्रा की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। वह कल यानी 11अक्टूबर को नई दिल्ली आएंगे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि चीन और भारत के बढ़ते तनाव के बीच दोनों देश कैसे आगे बढ़ते हैं।
अपने ही बयान से पलटा चीन
1- कश्मीर मसले पर चीन अपने शुरुआती बयान से पटल गया है। अनुच्छेद 370 खत् म होने के बाद जो चीन की पहली प्रतिक्रिया सामने आई थी। उस वक्त चीन ने कहा था कि कश्मीर समस्या का समाधान संयुक्त राष्ट्र चार्टर और उसके प्रस्तावों के तहत होना चाहिए। चीन ने अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने को कहा था। चीन ने कहा था कि भारत जम्मू कश्मीर की यथास्थिति से कोई छेड़छाड़ नहीं करे। पाकिस्तान के लिए यह बयान राहत देने वाला था।