अभी तक की सबसे बड़ी और सबसे संवेदनशील रेडियो दूरबीन (टेलीस्कोप) हमारे सौरमंडल के बाहर के सौर ग्रहों व एक्सोप्लैनेट्स (बर्हिग्रह) की खोज करेगी। यह पृथ्वी से 100 प्रकाश वर्ष के क्षेत्र में पृथ्वी जैसे ही चुंबकीय क्षेत्र वाले ग्रहों को खोजेगी। समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, चीन और फ्रांस जैसे देशों के खगोलविदों ने पांच सौ मीटर की दूरबीन (एफएएसटी) का प्रयोग करके अपने आब्जर्वेशन को साइंस पत्रिकाओं एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स में प्रकाशित किया है।
चीनी विज्ञान अकादमी के राष्ट्रीय खगोलीय लेबोरेटरी के एक शोधकर्ता और एफएएसटी के प्रमुख वैज्ञानिक ली डि ने कहा कि वैज्ञानिक ऐसे रहने लायक ग्रहों की खोज के बारे में अधिक उत्सुक हैं, जिनमें न केवल पानी हो बल्कि उपयुक्त तापमान और वातावरण के साथ चुंबकीय क्षेत्र हो। पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र ही कॉस्मिक किरणों से जीवन की रक्षा करता है। अगर पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र काम करना बंद कर दे तो यहां का वातावरण एक झटके में सौर हवाओं की वजह से उड़ जाएगा।
पेरिस ऑब्जर्वेटरी के एक खगोलशास्त्री फिलिप जरका ने बताया कि आज तक, लगभग 4,000 एक्सोप्लैनेट्स पाए गए हैं। सौर-मंडल में छह चुंबकीय ग्रह बुध, पृथ्वी, बृहस्पति, शनि, अरुण (यूरेनस) और वरुण (नेपच्यून) मौजूद हैं। लि ने कहा, हम एफएएसटी के माध्यम से नई दुनिया खोजना चाहते हैं, जोकि दुनिया का सबसे संवेदनशील रेडियो टेलीस्कोप है। अगर हम पहली बार किसी एक्सोप्लैनेट के रेडियो विकिरण का पता लगाकर इसके चुंबकीय क्षेत्र की पुष्टि कर पाए तो यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण खोज होगी।