पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद कर्नल (रि) राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि चीन अपने विरोधी देश पर विभिन्न तरीकों से दबाव बनाकर मनोवैज्ञानिक जीत हासिल करने की कोशिश करता है।
चीन के साथ जारी सीमा विवाद पर राठौर ने कहा, अपने इस लक्ष्य को पाने के लिए वह दुश्मन देश के मीडिया संस्थानों, राजनीतिक दलों, स्वयंसेवी संगठनों, बड़ी कंपनियों में निवेश या अन्य माध्यमों से घुसपैठ कर अपने ही देश की सरकार के खिलाफ आवाज उठवाता है। ताकी, वैश्विक मंच पर वह अपने आप को कानूनी तौर पर आपात स्थिति में कटघरे में खड़े होने से बचा सके।
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा, चीन भारत को हर तरफ से घेरने की कोशिश कर रहा है। मनोवैज्ञानिक युद्ध में चीन अपने हिमायती लोगों के जरिये अपना पक्ष इस तरह से रखवाता है कि जनता के बीच इस तरह का संकेत जाता है कि चीन बहुत मजबूत स्थिति में है।
जबकि, उनका अपना देश निबटने में सक्षम नहीं है। भारत के एक राजनीतिक दल के साथ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के 7 अगस्त 2008 में हुए समझौते को इस सोची-समझी चाल की नजर से देखें तो उसकी बदनीयती सामने आ जाती है।