मेहमान के आने पर उसका आदर-सत्कार तो सभी धर्मों में किया जाता हैं लेकिन हिंदू धर्म में मेहमान यानि अतिथि को भगवान का दर्जा दिया जाता है। पुराने जमाने में जब अतिथि घर पर आता था तो लोग दिल खोलकर उसका स्वागत करते थे और अपनी सामर्थ्य के अनुसार उसकी सेवा-सुश्रुषा करते थे। बदलते दौर में जहां समय के अभाव के कारण आजकल मेहमान नवाजी की परंपरा धीरे-धीरे कम भले ही होती जा रही है लेकिन अभी तक खत्म नहीं हुई है।
इस परंपरा को बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि हिंदू मान्यताआें के अनुसार ये माना जाता है कि जो बिना बताए किसी भी तिथि को आ जाए वो अतिथि होता है और ऐसा अतिथि भगवान का रूप होता है। वहीं जिस घर से अतिथि प्रसन्न होकर जाता है , उस घर पर ईश्वर की कृपा हमेशा बनी रहती है। ऐसे घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती है। इसी के साथ ही कुछ ऐसी बातें भी हैं जिन्हें अतिथि के आने पर ध्यान में रखना आवश्यक होता है जिससे अतिथि दुखी या परेशान न हो। आइए जानते हैं शास्त्रों में वर्णित इन महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में…..
सबसे पहली बात ये कि घर में अगर मेहमान आए तो उससे उसकी इनकम के बारे में नहीं पूंछना चाहिए क्योंकि हो सकता है आगंतुक की आय कम हो और वह आपके प्रश्न का उत्तर देने में अपने आपको असहज महसूस करे। इससे उसका मन भी दुखी होगा। इसके साथ ही आने वाले मेहमान से कभी भी उसकी शैक्षणिक योग्यता और उसकी क्या जाति है इसके बारे में नहीं पूंछना चाहिए। मेहमान को केवल भगवान समझकर उसका आदर सत्कार करना चाहिए।