अहमदाबाद। इस्तीफा सौंपने के बाद मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल जहां अपनी सामाजिक कार्ययोजना की तैयारी कर रही हैं, वहीं भाजपा नए नेता के चयन की कवायद में जुटी है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के आवास पर गुरुवार को दिनभर बैठकें होती रही, लेकिन फैसला शुक्रवार को विधायक दल की बैठक में ही होगा।
इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि नितिन पटेल ही गुजरात के नए सीएम होंगे और इसकी औपचारिक घोषणा गांधीनगर में भाजपा विधायक दल की बैठक में की जाएगी। इस बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर नितिन गडकरी और सरोज पांडे पहले से ही मौजूद हैं। इसके अलावा विधायक होने के नाते भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी खुद बैठक में मौजूद रहेंगे।
भाजपा के तीन बड़े नेता अमित शाह, मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल व प्रदेश अध्यक्ष विजय रुपाणी का खेमा उदास है। तीनों अब मुख्यमंत्री पद से अलग हो चुके हैं। उनके अलावा प्रदेश के हर नेता के खेमे में खुशी है।
नितिन पटेल उत्तरी गुजरात के कड़वा पटेल नेता हैं और उनकी छवि जमीन से जुड़े नेता की रही है। 90 के दशक से ही वह लगातार मंत्री रहे हैं। अब तक सिर्फ एक बार ही 2002 में चुनाव हारे हैं। जब गुजरात में नरेंद्र मोदी की सरकार थी तब वह शहरी विकासमंत्री और वित्तमंत्री रहे। गुजरात कैबिनेट में उनकी नंबर 2 पोजीशन थी। कहने को वह आनंदीबेन पटेल सरकार में स्वास्थ्यमंत्री थे, लेकिन सरकार के प्रवक्ता वही थे। उनकी छवि हमेशा से ही मीडिया फ्रेंडली रही है। आनंदीबेन की ही तरह वे उत्तरी गुजरात से पटेल नेता हैं। नितिन उस समिति के प्रमुख थे जिसने पाटीदार आंदोलन के बाद सरकारी नौकरियों और कॉलेजों में आरक्षण के मसले पर पाटीदार नेताओं से बातचीत की थी। वह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और आनंदीबेन पटेल दोनों के करीबी माने जाते हैं तथा ऐसा भी माना जाता है कि नितिन पटेल को पीएम नरेंद्र मोदी का आशीर्वाद भी प्राप्त है।
ये हैं नितिन पटेल
नितिन पटेल का उत्तरी गुजरात में जनाधार है और पटेल समाज में उनकी अच्छी पकड़ है। पटेल आंदोलन के दौरान उन्होंने सरकार की ओर से बातचीत में अहम भूमिका निभाई थी। उनकी छवि जमीन से जुड़े नेता की है और वे पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी भी बताए जाते हैं।