गर्मी इस वर्ष तीखे तेवर दिखा सकती है। अप्रैल में ही मई-जून जैसी तपिश पड़ रही है। मौसम वैज्ञानिकों ने भी पाकिस्तान से आ रही गर्म हवाओं को देखते हुए उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी किया है। हीटवेव की चेतावनी दी गई है। ऐसे में सावधानी बरतने की जरूरत है।
पिछले एक सप्ताह से मिर्जापुर समेत पूर्वांचल के अन्य जनपदों में गर्मी दिन-प्रतिदिन बढ़ती चली जा रही है। होली के दिन तो मौसम काफी गर्म था। होली के अगले दिन कड़ी धूप के साथ गर्म हवाएं भी चलने लगीं। लू का एहसास होने लगा है। गर्म हवाओं के साथ धूल भी हवा में मिलकर लोगों के आंखों को नुकसान पहुंचा रही है।
पारा बढ़ने से गर्मियों में होने वाली बीमारियों का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। इधर, मौसम वैज्ञानिकों ने भी पाकिस्तान से आ रहे हीटवेव को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया है। पाकिस्तान से आ रही गर्म हवाएं देश के कई राज्यों को चपेट में लेंगी। इसमें उत्तर प्रदेश भी शामिल है। ऐसे में पूर्वांचल के लोगों को गर्म हवाओं से बचने के लिए सावधानी बरतनी होगी।
धूप और लू के अलावा गंदगी और दूषित पानी या भोजन से इस मौसम में काफी लोग बीमार पड़ते हैं। पानी की स्वच्छता पर हमें विशेष ध्यान देना होगा। इसके अलावा कुछ अन्य सावधानियां अपनाकर मौसम की मार से बचा जा सकता है। इस संबंध में मंडलीय अस्पताल मिर्जापुर के डा. उमेश श्रीवास्तव ने गर्म हवा, लू से बचाव के लिए सावधानियां बरतने की सलाह दी है।
लू लगने पर सिर दर्द, उल्टी, थकावट, तेज बुखार, शरीर में ऐंठन और चक्कर की शिकायत हो सकती है। असर तेज हो तो बेहोशी आ सकती है। बुजुर्गों और बच्चों को समस्या ज्यादा हो सकती है। ऐसा होने पर डॉक्टर की तुरंत सलाह लेनी चाहिए।
दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। गर्मी के प्रकोप से बचने के लिए धूप के सीधे संपर्क में आने से परहेज करें। अगर दिन के समय धूप में बाहर निकलना जरूरी है तो पानी साथ में जरूर रखें। इसके अलावा सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करें। टैनिंग और सनबर्न से बचने के लिए छतरी, टोपी जरूर लगाएंं।
खानपान में साफ-सफाई का बहुत ध्यान रखें। बाहर का तला-भुना और खुले में बनाया जा रहा कोई भी खाद्य पदार्थ खाने से बचें। इस मौसम में दूषित खाने या पानी से बीमारी होने का खतरा बहुत ज्यादा रहता है। बच्चों को भी इन बातों की जानकारी दें। उन्हें कुछ भी खाने से पहले हाथ को अच्छी तरह धोने के लिए प्रेरित करें।
जितना ज्यादा हो तरल पदार्थ जैसे नींबू पानी का सेवन करें। ध्यान रहे कि यह ठंडा हो बर्फीला नहीं, अन्यथा दूसरी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। मौसमी फल जैसे खरबूज, तरबूज, आम, खीरा, ककड़ी का सेवन जरूर करें। शरीर में पानी की कमी न होने दें।
एक दिन में कम से कम आठ से 10 गिलास पानी जरूर पिएं। छाछ, लस्सी, कच्चे आप का पना, बेल का शरबत या सत्तू का शरबत इस मौसम में बहुत फायदेमंद होता है। ध्यान रखें, शरीर में पानी की कमी शरीर न होने पाए। पानी की कमी से कई बीमारियों का खतरा बना रहता है।
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