दीदी की मनमानी की वजह से बंगाल के लाखों किसान, पीएम किसान सम्मान निधि के लाभ से वंचित हैं। दीदी की सरकार ने सुंदरबन जैसे पर्यटन समृद्ध क्षेत्र को, यहां के द्वीपों का, यहां के तटों का विकास नहीं किया। सोनार बांग्ला के लक्ष्य के साथ भाजपा की डबल इंजन सरकार यहां कनेक्टिविटी को प्राथमिकता देगी। गंगासागर की महिमा को, गंगासागर मेले की भव्यता और दिव्यता को बंगाल की भाजपा सरकार नई ऊंचाई पर ले जाएगी।
दीदी, ओ दीदी आप हमको जानती नहीं हो। हम सीजनल श्रद्धा वाले लोग नहीं हैं। हम अपनी आस्था और श्रद्धा पर हमेशा गर्व करने वाले लोग हैं। घुसपैठियों को खुश करने के लिए दीदी बंगाल के लोगों को भूल गईं। उन्होंने 10 साल में क्या किया, इसका ठोस जवाब दीदी के पास है नहीं। टीएमसी सरकार की नीतियों का बहुत बड़ा नुकसान हमारे किसान भाई-बहनों ने उठाया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने ओराकांडी में हरिशचंद्र ठाकुर, गुरुचांद ठाकुर जी की पुण्य भूमि में जाकर पूरे देश के लिए आशीर्वाद मांगा। ये देखकर भी दीदी का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। आप बताइए साथियों, मां काली के मंदिर में जाना गलत है क्या? हरिशचंद्र ठाकुर जी को प्रणाम करना गलत है क्या?
ममता दीदी को जय श्रीराम के आह्वान से दिक्कत है, ये पूरा बंगाल पहले से जानता है। ममता दीदी को दुर्गा जी की प्रतिमा के विसर्जन से दिक्कत रही है, ये भी पूरा बंगाल पहले से जानता है। मगर अब दीदी को तिलक से दिक्कत है। अब दीदी को भगवावस्त्र से दिक्कत है। और तो और अब दीदी के लोग चोटी रखने वालों को राक्षस कहने लगे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले चरण की वोटिंग होने के बाद उनकी बौखलाहट और बढ़ गई है। कल ही दीदी ने देश के कई नेताओं को संदेश भेजकर मदद की अपील की है। जो लोग दीदी की नजर में बाहरी हैं, टूरिस्ट हैं, जिन्हें वो कभी मिलने तक का समय नहीं देती थीं, अब उनसे समर्थन मांग रही हैं। दीदी बंगाल में अब खूनी खेल नहीं चलेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि धमकी और गालियां देने वाली दीदी कह रही हैं-कूल कूल! दीदी, तृणमूल, कूल नहीं, बंगाल के लोगों के लिए शूल है। बंगाल को असहनीय पीड़ा देने वाला शूल है तृणमूल। बंगाल को रक्तरंजित करने वाला शूल है तृणमूल। बंगाल के साथ अन्याय करने वाला शूल है तृणमूल। दीदी का हर एक्शन देख लीजिए, सबकुछ स्पष्ट नजर आता है।
शुरुआती रुख पता चला तो तो दीदी भवानीपुर सीट छोड़कर नंदीग्राम पहुंच गईं। नंदीग्राम जाकर लगा उन्हें लगा कि यहां आकर गलती कर दी है। गुस्से में वो नंदीग्राम के लोगों के अपमान पर उतर आईं।