बेंगलुरु: बीजेपी की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा की आंखों में उस वक्त आंसू आ गए, जब सीबीआई अदालत में उनसे उनके मुख्यमंत्री काल में कथित अवैध खनन घोटाले के सिलसिले में कई सवाल पूछे गए। येदियुरप्पा को अदालत ने उनके परिवार द्वारा संचालित प्रेरणा ट्रस्ट को कथित तौर पर मिले 20 करोड़ रुपये के चंदे के सिलसिले में तलब किया था।
कोर्ट में रुंध गया येदियुरप्पा का गला
ढाई घंटे तक चली गवाही के दौरान न्यायाधीश ने उनसे 475 सवाल पूछे। येदियुरप्पा की आंखों में उस वक्त आंसू आ गए जब न्यायाधीश ने उनसे पूछा कि क्या उन्हें इस मुद्दे पर कुछ कहना है तो इस पर भावुक पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है और मैंने जो कुछ भी किया है वह कानून के दायरे में किया है। न ही उनके कृत्य से सरकारी खजाने को कोई नुकसान हुआ है।’
इस सवाल से पहले भी येदियुरप्पा का गला रुंध गया था, जब उनसे पूछा गया कि क्या वह राजनीतिक साजिश के शिकार हैं। इसका जवाब देते हुए येदियुरप्पा भावुक हो गए और उनकी आवाज भारी हो गई।
येदियुरप्पा ने बीजेपी के लिए खोला था दक्षिण का द्वार
येदियुरप्पा को हाल में ही कर्नाटक में बीजेपी का प्रमुख बनाया गया है। उनके नेतृत्व में बीजेपी पहली बार 2008 में कर्नाटक में सत्ता में आई थी। दक्षिण भारत में बीजेपी की यह पहली सरकार थी। हालांकि जुलाई 2011 में अवैध खनन पर लोकायुक्त संतोष हेगड़े द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में येदियुरप्पा को दोषारोपित किए जाने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
रिपोर्ट में साउथ वेस्ट माइनिंग कंपनी से प्रेरणा ट्रस्ट को 10 करोड़ रुपये मिलने और खनन कंपनी द्वारा राचेनहल्ली में 1.02 एकड़ जमीन खरीदने के बदले में ट्रस्ट को 20 करोड़ रुपये का भुगतान किए जाने की बात कही गई थी। इस ट्रस्ट का स्वामित्व और प्रबंधन येदियुरप्पा के परिवार के पास है।