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दुनिया के सबसे विशाल और कभी ना डूबने वाला जहाज कहा जाने वाला टाइटेनिक तो आपको याद ही होगा। और यह भी याद होगा कि 1912 में जब यह डूबा तो 1500 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। टाइटेनिक जहाज के डूबने का कारण बनी हिमशिला (आईसबर्ग) के बारे में वैज्ञानिकों ने एक नया और चौंकाने वाला खुलासा किया है।
टाइटेनिक को डूबाने वाली हिमशिला 10 लाख साल पुरानी
टाइटेनिक के डूबने का पता लगाने के लिए इस आईसबर्ग पर लंबे समय से रिसर्च कर रहे वैज्ञानिकों ने बताया कि टाइटेनिक को डूबोने वाली हिमशिला 10 लाख साल से भी ज्यादा पुरानी है। यह खुलासा तब हुआ जब शोधकर्ताओं ने समुद्र के वर्तमान डेटा को 1912 में दुर्घटना के समय वाले डेटा से क्रॉसचेक किया।
शोधकर्ता इस आईसबर्ग को एक लंबे समय से ट्रेस कर रहे थे और अब वो इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि यह हिमशिला 10 लाख साल पहले गिरी एक बर्फिली चट्टान से बनी था, जोकि दक्षिण-पश्चिमी ग्रीनलैंड से संबंधित है। यह ग्रीनलैंड से बहकर यहां आ गयी थी जिसके बारे में किसी को खबर नहीं थी।
रिसर्च में पता लगा कि 1912 में जब टाइटेनिक जहाज इस चट्टान से टकराया था, तब यह चट्टान 400 फीट तक फैली थी और 1.5 मिलियन टन की थी। यह इतनी बड़ी थी कि पानी से भी 100 फीट बाहर थी, जिसकी पूरी लंबाई 1700 फीट थी। जहाज के डूबने का कारण बनी इस आईसबर्ग की एक ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर पिछले साल नीलामी की गई थी। हिमशिला से टकराने के बाद टाइटेनिक के डूबने के कई घंटों बाद अगले दिन सुबह 15 अप्रैल 1912 को प्रिंज अडलबर्ट जहाज के मुख्य प्रबंधक ने शांत समुद्र के बीच हिमशिला की यह तस्वीर ली थी।
आपको बता दें कि टाइटेनिक अपनी पहली यात्रा में अटलांटिक को पार करते हुए हिमशिला से टकरा गया था। 2,200 यात्रियों और चालकदल को ले जा रहे इस जहाज दुर्घटना में 1,517 लोगों की की मौत हो गई थी।
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