मुंबई: कप्तान विराट कोहली से मतभेद के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के कोच पद से इस्तीफा दिए हुए अनिल कुंबले को लगभग एक सप्ताह हो गया है पर पूरे घटनाक्रम से जुड़ी बातें अब भी सामने आ रही हैं।अभी-अभी: राम मंदिर को लेकर इस बड़े नेता ने दिया ये बड़ा बयान देश में तबाही का जलजला, याद रखेगी पूरी दुनिया…
इस पूरे विवाद के दौरान ऐसी खबरें थीं कि हाई-प्रोफाइल क्रिकेट अडवाइजरी कमिटी (सीएसी) ने कुंबले और कोहली के साथ बात कर तनाव कम करने की कोशिशें कीं पर अब हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के हाथ नई जानकारी लगी है। खबर के अनुसार सचिन तेंडुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरभ गांगुली की सदस्यता वाली इस सीएसी ने कुंबले से कभी बात ही नहीं की। उन्होंने इस पूरे विवाद में सिर्फ कोहली से बात करके दोनों के बीच के विवाद को समझने की कोशिश की।
बीसीसीआई के एक सूत्र ने कहा, ‘धैर्य से कोहली की बात सुनने के बाद सीएसी इस नतीजे पर पहुंची कि समस्या बहुत बड़ी नहीं है और टीम का प्रदर्शन भी अच्छा है, ऐसे में कुंबले को हटाने का कोई कारण नहीं है। सीएसी ने कुंबले से मिलकर उनका पक्ष जानने की कोशिश ही नहीं की। चूंकि उन्हें लगता था कि कुंबले ने बीते एक साल में बहुत अच्छा काम किया है। सीएसी के इस फैसले ने शायद विराट को निराश कर दिया। इसके बाद कोहली ने चैंपियंस ट्रोफी फाइनल के बाद पिछले सोमवार को लंदन में बीसीसीआई अधिकारियों से बात की।
‘ सूत्र ने कहा, ‘बोर्ड तक अपना फैसला पहुंचाने के बाद सीएसी इस बैठक में शामिल नहीं हुई। इस बैठक में कुंबले और कोहली के अलावा बीसीसीआई अधिकारी- अमिताभ चौधरी (कार्यवाहक सचिव), राहुल जोहरी (सीईओ) और एमवी श्रीधर (प्रबंध निदेशक, क्रिकेट ऑपरेशंस)- मौजूद थे। इसके बाद कुंबले ने जल्दी से अपने पद से त्यागपत्र दे दिया हालांकि बैठक के बाद कुंबले के पास टीम के साथ वेस्ट इंडीज जाने का विकल्प मौजूद था।
सूत्र ने बताया, ’45 मिनट की बैठक में ज्यादातर समय कोहली ही बोलते रहे। उन्होंने अपनी बात साफ कर दी कि उन्हें कुंबले के काम करने के तरीके और मुख्य कोच पद पर उनके बने रहने, दोनों से आपत्ति है। यह कुंबले जैसे कद के इनसान का अपमान था और इस बात में कोई हैरानी नहीं कि उन्होंने अपना ‘नोटिस पीरियड’ तक सर्व नहीं करने का फैसला किया। इसी वजह से कुंबले ने वेस्ट इंडीज के छोटे से दौरे पर भी न जाने का इरादा कर लिया। यह बात साफ है कि कुछ बोर्ड अधिकारी कुंबले को बाहर करना चाहते थे।’
सोशल मीडिया पर अपने थैंक्यू नोट में कुंबले ने कोहली पर निशाना साधा था। 46 वर्षीय कुंबले ने लिखा था, ‘मुझे कल पहली बार पता चला कि कप्तान को मेरे काम करने के तरीके और मुख्य कोच बने रहने पर आपत्ति है। मुझे हैरानी हुई चूंकि मैने हमेशा से कोच और कप्तान की सीमाओं का सम्मान किया है।’
इस बीच कुंबले के इस्तीफे के बाद नए कोच के लिए नए आवेदन मंगवाये जाने के फैसले से पूर्व भारतीय क्रिकेटर और अफगानिस्तान टीम के मौजूदा कोच लालचंद राजपूत ज्यादा खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘यह हमारा अपमान है। रेज्यूमे जमा कराने के बाद जब आप शॉर्टलिस्ट हो जाएं तो आपको पता चलता है कि बोर्ड ने नए आवेदन मंगवाए हैं। यह बीसीसीआई की ओर से पूरी तरह गैर-पेशेवराना रवैया है।’ उन्होंने कहा, ‘इससे पता चलता है कि बोर्ड को पांच आवेदकों में से सिवाए कुंबले के किसी और पर भरोसा नहीं था और जैसे ही उन्होंने खुद को इससे अलग किया बीसीसीआई को नए नामों की जरूरत पड़ गई।