देश के विभिन्न राज्यों में रात का कर्फ्यू लगने के बाद नैनीताल के पर्यटक स्थलों पर सन्नाटा दिखने लगा है। बुधवार तक सैलानियों से गुलजार नैनीताल और इसके आसपास के पिकनिक स्पॉट वीरान नजर आए। हालत ये थी कि नैनीताल की माल रोड और सैलानियों से ठसाठस भरे रहने वाले बाजारों में दिन में ही सन्नाटा पसरा रहा।
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कोरोना के कारण ही पिछले वर्ष मार्च में ही अधिकतर होटल बंद हो गए थे। उसके बाद रही सही कसर लॉकडाउन ने पूरी कर दी थी। इससे होटल समेत पर्यटन से जुड़े लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया था।
इस वर्ष अनलॉक फोर व फाइव के बाद पर्यटन व्यवस्थाएं कुछ पटरी पर आई तो इस व्यवसाय से जुड़े लोगों ने सीजन की तैयारी शुरू की। फिर से कोरोना के पैर पसारने से अचानक सैलानियों की संख्या घट गई। अप्रैल महीने में खचाखच भरा रहने वाला क्षेत्र पंत पार्क बृहस्पतिवार शाम 4:20 बजे सुनसान मिला।
शाम 4:30 बजे मालरोड भी सुनसान दिखाई दी। ये वही मालरोड है जहां सीजन में दोपहर बाद सैलानियों की भीड़ के चलते पैर रखने की भी जगह नहीं होती थी। भीमताल, सातताल और नौकुचियाताल में भी सुनसान छाई रही।
चिड़ियाघर में मंगलवार को 450 सैलानी पहुंचे थे जबकि बुधवार को यह संख्या घटकर 350 रह गई। खुर्पाताल स्थित वाटरफॉल में बुधवार को 350 सैलानी पहुंचे जबकि बृहस्पतिवार को यह संख्या 309 में जा सिमटी। यही हाल केव गार्डन, रोपवे, हनुमान गढ़ी आदि का है।
कोरोना के बढ़ते प्रभाव के कारण अप्रैल की 40 फीसदी एडवांस बुकिंग रद्द हो चुकी है। मई जून की बुकिंग भी लगातार रद्द हो रही हैं। सैलानी लगातार एडवांस बुकिंग निरस्त करा रहे हैं। इस हफ्ते होटल पूरी तरह से खाली है। मई-जून की भी कोई बुकिंग नहीं हैं, जो थी वह भी रद्द हो गई हैं।