मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को बिहार कैबिनेट की बैठक में अहम फैसलों पर मुहर लगाने के लिए आवास से निकल चुके हैं। करीब एक हफ्ते से मुख्यमंत्री बाहर नहीं आ रहे थे तो पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह तक ने सवाल उठाया था कि उनकी बीमारी को लेकर मेडिकल बुलेटिन जारी किया जाए। इस बीच तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी शिकस्त के बाद अचानक हो रही इंडी एलायंस की बैठक में उनके नहीं जाने की बात सामने आ चुकी है। मुख्यमंत्री कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया से बात करेंगे तो इन सवालों का जवाब आ जाएगा और अगर कुछ दिनों से सार्वजनिक जीवन में चला आ रहा मौन कायम रखेंगे तो अटकलों का बाजार कायम रहेगा।
6 दिसंबर को दिल्ली में है इंडी गठबंधन की बैठक
6 दिसंबर को इंडी गठबंधन की बैठक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दिल्ली में बुलाई है। तीन राज्यों में कांग्रेस की हार के बाद यह पहली बैठक है। ऐसे में सूत्र बता रहे हैं कि सीएम नीतीश कुमार इस बैठक में शामिल नहीं होंगे। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से पहले ही बैठक में शामिल नहीं होने का इशारा कर दिया गया है। ऐसे में अगुवा भी भूमिका निभाने वाले नीतीश कुमार का इस बैठक में शामिल नहीं होना काफी चौंकाने वाला है। हालांकि, जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा इस बैठक शामिल होंगे। इधर, राजद की ओर से पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव शामिल होंगे।
कांग्रेस की हार से इंडी गठबंधन से कोई रिश्ता नहीं
जदयू के वरीय नेता और मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने कांग्रेस की हार पर कहा था कि यह नतीजे बेहतर भी हो सकते थे। इसको इंडी गठबंधन (I.N.D.I.A.) से मत जोड़िये। इंडी गठबंधन चुनाव में कहीं नहीं था। सिर्फ कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ रही थी। यह इलाके कांग्रेस पार्टी के गढ़ माने जाते हैं। पिछले चुनाव में भी इन तीनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनी थी। लिहाजा यह भाजपा की जीत और कांग्रेस की हार है। इसका इंडी गठबंधन से कोई रिश्ता नहीं है।