केरल की पहली ट्रांसजेंडर उम्मीदवार अनन्या कुमारी एलेक्स ने चुनाव न लड़ने का फैसला किया है। मलप्पुरम जिले के वेंगारा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाली अनन्या ने यह फैसला यूं ही नहीं लिया। इसके पीछे की वजह भी उन्होंने बताया। अनन्या ने बताया कि उन्हें वेश्या के तौर पर पेश किया गया है, मारने की धमकी दी गई।
अनन्या ने यह भी आरोप लगाया कि डेमोक्रेटिक सोशल जस्टिस पार्टी (DSJP) के नेताओं द्वारा उन्हें गंभीर मानसिक यातना दी गई है। अनन्या कुमारी एलेक्स ने कहा है कि डीएसजेपी नेताओं ने मुझे यूडीएफ उम्मीदवार पीके कुन्हालीकुट्टी के बारे में गलत बोलने और एलडीएफ सरकार की आलोचना के लिए मजबूर किया। इसके अलावा उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान परदा लगाने के लिए भी मजबूर किया था। इस तरह के उत्पीड़न के बाद मैंने फैसला किया कि मैं अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं करूंगी।
उन्होंने कहा कि मुझे डेमोक्रेटिक सोशल जस्टिस पार्टी के नेताओं द्वारा इस्तेमाल किया गया। मेरे पास एक व्यक्तित्व है और मेरी अपनी राय है। मैं आत्मसमर्पण करने के लिए तैयार नहीं हूं। अनन्या ने कहा कि मैंने केरल में ट्रांसजेंडर लोगों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए चुनाव लड़ने का फैसला किया था। पार्टी ने मुझे वेंगारा निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा था। यह मेरा फैसला नहीं था, उन्होंने मुझे चुना था।
दरअसल, केरल में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने का मन बनाकर अनन्या कुमारी एलेक्स इतिहास बदलने की तैयारी में थीं। डोमेस्टिक सोशल जस्टिस पार्टी (डीएसजेपी) पार्टी की उम्मीदवार अनन्या ने कहा था, ‘मैं यहां विधानसभा चुनाव के लिए पहली बार ट्रांसजेंडर उम्मीदवार हूं। हम साबित करना चाहते हैं कि ट्रांसजेंडर व्यक्ति नेता भी हो सकते हैं। अनन्या कहती हैं, मेरी प्राथमिकताएं महिलाओं और ट्रांसजेंडर की सुरक्षा है।’ बता दें कि अनन्या कुमारी महिला अधिकारों के लिए लड़ती रही हैं।