लोकसभा चुनाव 2019 के लिए मध्य प्रदेश के मुरैना संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी द्वारा उम्मीदवार घोषित किए जाने के बावजूद केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि “मुझे अभी यह नहीं मालूम कि मैं मुरैना से भी चुनाव लड़ूंगा या नहीं.”
ग्वालियर संसदीय क्षेत्र में आने वाली शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा में कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में गुरुवार को एक नेता ने तोमर के ग्वालियर के बजाय मुरैना से चुनाव लड़ने का मसला उठाया. इसके जवाब में तेामर ने कहा, “एक वक्ता ने ग्वालियर से चुनाव न लड़ने की बात कही और मुरैना से चुनाव लड़ने का जिक्र किया, मगर मुझे तो अभी यह नहीं मालूम कि मैं मुरैना से भी चुनाव लड़ूंगा या नहीं.”
उन्होंने आगे कहा, “मैं कहां से चुनाव लड़ूं, किसी दूसरी जगह से चुनाव लड़ूं या मैं कहीं से भी चुनाव नहीं लड़ूं, मगर सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि किसी का सांसद बनना न बनना, यह महत्वपूर्ण नहीं है. महत्वपूर्ण है बीजेपी का ताकतवर बने रहना. अगर बीजेपी ताकतवर है और आप उसके कार्यकर्ता हैं तो यह संबंध तब तक रहेगा जब तक शरीर में सांस रहेगी.”
उधर, कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की मुरैना सीट से रामनिवास रावत को टिकट दिया है. रामनिवास रावत का नाम पहले से ही चर्चा में था. रावत मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं. रावत 2018 के विधानसभा चुनाव में विजयपुर सीट से बीजेपी के सीताराम अदिवासी से चुनाव हार गए थे. इससे पहले वह 1990, 1993, 2003, 2008, 2013 में विधानसभा के लिए चुने जा चुके हैं. रावत दिग्विजय सिंह के शासनकाल में 1993 से 1998 तक श्रम मंत्री रहे थे.
भोपाल से चुनाव लड़ सकते हैं तोमर
तोमर को पार्टी ने मुरैना से उम्मीदवार जरूर घोषित कर दिया है, मगर उनको भोपाल से कांग्रेस के उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारने की चर्चाएं जोरों पर है. तोमर के इस बयान से उस बात को और बल मिला है कि भोपाल से वे बीजेपी के उम्मीदवार हो सकते हैं. इस मौके पर तोमर के साथ बीजेपी के वर्तमान सांसद अनूप मिश्रा भी मौजूद थे, जिनका टिकट काटकर तोमर को उम्मीदवार बनाया गया है.