हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि, माह की सबसे महत्वपूर्ण तिथियों में से एक मानी जाती है। वहीं कार्तिक माह में आने वाली अमावस्या भी खास है, क्योंकि इस तिथि पर दीपावली का पर्व मनाया जाता है। ऐसे में इस दिन पर कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए, ताकि आपको जीवन में अच्छे परिणाम मिलते रहें।
कब है कार्तिक अमावस्या (Kartik Amavasya Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 52 मिनट पर शुरू होने जा रही है। वहीं इस तिथि का समापन 01 नवंबर को शाम 06 बजकर 16 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में कार्तिक अमावस्या शुक्रवार, 01 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन स्नान-दान का शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहेगा –
स्नान-दान के लिए शुभ मुहूर्त – प्रातः 04 बजकर 50 मिनट से सुबह 05 बजकर 41 मिनट तक
प्रदोष काल – शाम 05 बजकर 36 मिनट से रात 08 बजकर 11 मिनट तक
ध्यान रखें ये बातें
अमावस्या तिथि पर ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। साथ ही तामसिक भोजन जैसे लहसुन, प्याज और मांस-मदिरा के सेवन से बचना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि अमावस्या पर नकारात्मक शक्तियां प्रबल हो जाती हैं। ऐसे में इस दिन पर आपको श्मशान घाट या किसी सुनसान जगह पर नहीं जाना चाहिए।
भूल से न करें ये काम
हिंदू धर्म में अमावस्या के दिन कुछ कार्यों को करने की मनाही है, जैसे बाल काटना या धोना, नाखून काटना आदि। क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इस कार्यों को अमावस्या के दिन करने से व्यक्ति को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
मां लक्ष्मी हो सकती हैं रुष्ट
अमावस्या के दिन शुभ कार्य जैसे मुंडन, गृह प्रवेश आदि नहीं करने चाहिए और न ही इस दिन पर झाड़ू खरीदनी चाहिए। वहीं अगर आप इस दिन पर लड़ाई-झगड़ा करने हैं या फिर किसी का अपमान कर अपशब्द कहते हैं, तो इससे मां लक्ष्मी आपसे रुष्ट हो सकती हैं।