कानपुर में एनकाउंटर की घटना के बाद चौबेपुर थाना शक के घेरे में आ गया है. अगर कोई भी पुलिसकर्मी विकास दुबे की मदद में संलिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ़ हत्या का मुक़दमा दर्ज़ किया जाएगा. पुलिस विभाग से बर्ख़ास्त भी किया जाएगा.
कानपुर आईजी मोहित अग्रवाल का कहना कि विकास दुबे के सभी संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है, और जल्द ही सफलता हासिल होगी. उन्होंने कहा कि अभी पूरा चौबेपुर थाना शक के घेरे में है. कितने पुलिसकर्मियों ने विकास दुबे से बात की, इस मामले की जांच चल रही है.
मोहित अग्रवाल ने कहा कि अगर किसी पुलिस कर्मी की भूमिका सामने आई तो उसे किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा, उन पर पुलिसकर्मियों की हत्या करने के आरोप में कार्रवाई की जाएगी, 307 का मुक़दमा दर्ज़ किया जाएगा और बर्ख़ास्त भी होंगे.
कानपुर आईजी ने बताया कि इस पूरी घटना में 21 नामजद हैं और 50-60 अज्ञात हैं. 8 पुलिस कर्मियों के शहीद होने के बाद हमने इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया जिसमें दो बदमाश मारे गए.
इसमें एसएसपी कानपुर दिनेश कुमार की बुलेट प्रूफ जैकेट पर गोली लगी थी. गोलियां मेरे बगल से भी निकलीं और हमारे दो सिपाही घायल हुए.
मोहित अग्रवाल ने बताया कि चौबेपुर के निलंबित थानाध्यक्ष पर घटना के एक दिन पहले विकास दुबे ने राइफल तानी थी, लेकिन थानाध्यक्ष ने यह बात छुपाई और उनकी लापरवाही के चलते यह घटना हुई. अगर हमें इस बात की जानकारी होती तो हम पूरी तैयारी और बुलेट प्रूफ जैकेट पहनकर जाते.