कांग्रेस ने मंगलवार को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के समक्ष शिकायत दर्ज कराई कि संबित पात्रा ने भगवान जगन्नाथ का राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया और यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। वरिष्ठ सेवादार रामचंद्र दासमोहनपात्रा ने कहा कि यह ओडिशा की संस्कृति के खिलाफ है।
हालांकि भाजपा नेता संबित पात्रा ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि किसी ने रैली के दौरान उन्हें मूर्ति भेंट की और उन्होंने केवल इसके लिए आदर का भाव प्रकट किया। दशमोहापात्रा ने कहा कि यह एक चुनावी रैली के दौरान भगवान जगन्नाथ को एक वाहन में ले जाना संस्कृति और परंपरा के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि वार्षिक रथ यात्रा उत्सव के दौरान भगवान जगन्नाथ रथ में जाते हैं।
सीईओ को दी गई शिकायत में कांग्रेस ने कहा कि चुनावी रैली में पात्रा ने भगवान जगन्नाथ की मूर्ति को अपने हाथ में लिया और इसे दिखाया। इसके साथ ही अपने सोशल मीडिया अकाउंट में भी उन्होंने भगवान की तस्वीरों का इस्तेमाल किया है।
राज्य कांग्रेस के प्रवक्ता निशिकांत मिश्रा ने कहा कि जब माननीय मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा यह साफ किया गया है कि किसी भी धर्म, जाति, पंथ या संस्कृति के आधार पर कोई चुनाव नहीं लड़ा जा सकता है तब संबित पात्रा की चुनावी रैली की तस्वीरों से साफ हो रहा है कि इस रैली में स्पष्ट रूप से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है।
वहीं, दूसरी ओर बीजेपी के पात्रा ने आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है। उन्होंने अपनी सफाई देते हुए कहा कि किसी ने रैली के दौरान मुझे भगवान की मूर्ति भेंट की। मैंने इसे ले लिया और इसके लिए आदर का भाव दिया। मेरे भगवान के प्रति श्रद्धा भाव दिखाने में कुछ भी गलत नहीं है। मैं इस बारे में परेशान नहीं हूं कि दूसरे क्या कह रहे हैं।