कांग्रेस ने भले ही अपने अध्यक्ष राहुल गांधी को अगले लोकसभा चुनाव के लिए बनने वाले किसी भी विपक्षी गठबंधन के नेता और प्रधानमंत्री पद के दावेदार बनाने का फैसला कर लिया है, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो कांग्रेस किसी अन्य सहयोगी दल के नेता को भी प्रधानमंत्री बनाने के लिये तैयार हो सकती है। यह संकेत खुद राहुल गांधी ने मंगलवार को यह कहते हुए दिए कि अगले लोकसभा चुनावों के बाद केंद्र में भाजपा और आरएसएस की सरकार बनने से रोकने के लिए कांग्रेस हर मुमकिन और जरूरी कदम उठाएगी।
उन्होंने यह भी कहा हालांकि 15 साल के राजनीतिक अनुभव के बाद अब वह देश के मुद्दों को ज्यादा बेहतर तरीके से समझ सकते हैं और उन्हें हल कर सकते हैं। लेकिन जरूरत पड़ने पर कांग्रेस किसी भी एसी सरकार को समर्थन देगी जो भाजपा और आरएसएस की सरकार या उसके द्वारा समर्थित किसी सरकार को बनने से रोक सके। गांधी ने यह बात मंगलवार को दिल्ली में महिला पत्रकारों के एक बड़े समूह के साथ अनौपचारिक मुलाकात में उनके सवालों के जवाब में कही।
यह जानकारी देते हुए कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि राजधानी में सौ से ज्यादा महिला पत्रकारों के साथ कांग्रेस अध्यक्ष ने एक अनौपचारिक मुलाकात की और वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा की। इसी दौरान उनसे जब पूछा गया कि क्या 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद वह भाजपा विरोधी गठबंधन सरकार के प्रधानमंत्री बनेंगे, राहुल गांधी ने कहा कि वह पिछले 15 साल से भी ज्यादा वक्त से राजनीति में हैं। इसलिए अब उन्हें देश, राजनीति और मुद्दों की पहले से बेहतर समझ है और जरूरत पड़ने पर वह राष्ट्रीय समस्याओं का समाधान ज्यादा बेहतर तरीके से निकाल सकते हैं।
गांधी से अगला सवाल पूछा गया कि क्या वह किसी महिला को भी प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार करेंगे। इसके जवाब में राहुल ने कहा कि भाजपा-आरएसएस की सरकार या उसके द्वारा समर्थित किसी भी सरकार को बनने से रोकने के लिए वह हर मुमकिन कदम उठाएंगे और जो भी जरूरी होगा वह करेंगे। गौरतलब है कि बसपा अध्यक्ष मायावती और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी 2019 लोकसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी अपनी दावेदारी पेश कर सकती हैं।