इम्प्लॉयर को जीएसटी के तहत जल्द ही बड़ी सौगात मिल सकती है. अपने कर्मचारियों को खाना, ट्रांसपोर्ट और इंश्योरेंस देने के बदले कंपनियों को इन पर इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल करने की सुविधा दी जा सकती है.
जीएसटी एक्ट में प्रस्तावित संशोधनों में यह भी एक प्रस्ताव है. इन प्रस्तावित संशोधनों को संसद और राज्य विधानसभाओं की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद ऐसा संभव हो पाएगा.
केंद्र सरकार जीएसटी कानून में बड़े स्तर पर बदलाव करने जा रही है. इसके लिए एक ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. इसके मुताबिक कुल 46 संशोधन प्रस्तावित हैं. इसमें जीएसटी रिटर्न फाइल करने के नये नॉर्म्स, रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म में बदलाव, अलग-अलग वर्टिकल की कंपनियों का रजिस्ट्रेशन भी अलग-अलग करने समेत अन्य प्रस्ताव शामिल हैं.
इन पर मिल सकता है आईटीसी:
ड्राफ्ट संशोधनों पर नजर दौड़ाएं तो इम्प्लॉयर्स को अपने कर्मचारियों को खाना, पीने के लिए बेवरेजेस, स्वास्थ्य सेवाएं, जीवन बीमा, मोटर व्हीकल्स समेत अन्य फायदे देने के बदले इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा मिलनी चाहिए.
केंद्र सरकार ने इन प्रस्तावित संशोधनों पर सभी शेयरधारकों से अपनी राय रखने के लिए कहा है. इसकी खातिर उन्हें 15 जुलाई तक का वक्त दिया गया है.
क्या है इनपुट टैक्स क्रेडिट:
इनपुट टैक्स वह टैक्स होता है, जो कोई सामान तैयार करने के लिए खरीदे गए कच्चे माल पर आप देते हैं. इनपुट टैक्स क्रेडिट का मतलब यह हुआ कि जिस कच्चे माल से आप ने जो आउटपुट अथवा सामान तैयार किया है, उस पर आप इनपुट टैक्स क्लेम कर सकते हैं.